एमएनएस ने चेन्नई एक्सप्रेस को दी हरी झंडी,9 अगस्त को दौड़ेगी पटरी पर

नयी दिल्ली : शाहरुख खान की आगामी फिल्म ‘‘चेन्नई एक्सप्रेस’’ के विरोध की धमकी देने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने निर्देशक रोहित शेट्टी के आश्वासन के बाद धमकी वापस ले ली है, यानी अब फिल्म के प्रदर्शन को कोई खतरा नहीं है.महाराष्ट्र में ‘‘चेन्नई एक्सप्रेस ’’ के लिये एकल स्क्रीन थिएटर भी खाली कराये जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2013 4:23 PM

नयी दिल्ली : शाहरुख खान की आगामी फिल्म ‘‘चेन्नई एक्सप्रेस’’ के विरोध की धमकी देने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने निर्देशक रोहित शेट्टी के आश्वासन के बाद धमकी वापस ले ली है, यानी अब फिल्म के प्रदर्शन को कोई खतरा नहीं है.महाराष्ट्र में ‘‘चेन्नई एक्सप्रेस ’’ के लिये एकल स्क्रीन थिएटर भी खाली कराये जाने के कारण मामले ने तूल पकड़ा. ईद पर प्रदर्शित होने जा रही इस फिल्म में शाहरुख और दीपिका पादुकोण प्रमुख भूमिका में है. एमएनएस ने धमकी दी थी कि अगर फिल्म निर्माता कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो वे फिल्म के पोस्टर फाड़ देंगे और इसे प्रदर्शित नहीं होने देंगे.

एमएनएस की फिल्म शाखा के प्रमुख अमय खोपकर ने हालांकि मुंबई से फोन पर भाषा को बताया, ‘‘आज इस सिलसिले में निर्देशक रोहित शेट्टी और निर्माता यूटीवी के अधिकारियों ने राज ठाकरे से मुलाकात की और मामला सुलझ गया है. अब फिल्म के प्रदर्शन के लिये मराठी फिल्मों को एकल स्क्रीन थिएटर से नहीं उतारा जायेगा.’’उन्होंने कहा ,‘‘हमने भी इस समझौते के बाद विरोध प्रदर्शन की चेतावनी वापिस लेने का फैसला किया है.’’ महाराष्ट्र में छोटे शहरों में हाउसफुल जा रही निर्देशक संजय जाधव की मराठी फिल्म ‘दुनियादारी’ को एकल स्क्रीन थिएटरों से उतारा जा रहा था. अब यह फिल्म एकल स्क्रीन सिनेमाघरों में चलती रहेगी.

वैसे बड़े सितारों की फिल्मों से मराठी फिल्मों के टकराव की यह घटना कोई नई नहीं है. इससे पहले भी मराठी फिल्मकार इस परेशानी से जूझते रहे हैं. अपनी फिल्म ‘धग’ के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले शिवाजी लोटन पाटिल ने कहा ,‘‘ हम बरसों से यह देखते आये हैं. अगर किसी फिल्म को दर्शक नहीं मिल रहे हो और उसे उतारा जाये तो समझ में भी आता है लेकिन ‘दुनियादारी’ तो हाउसफुल जा रही थी.’उन्होंने कहा ,‘‘ जब भी आमिर, सलमान , शाहरुख या किसी और बड़े कलाकार की फिल्म रिलीज होनी होती है तो मराठी फिल्मों पर गाज गिरती है. इससे प्रोड्यूसरों का भी मनोबल गिरता है क्योंकि वे फिल्म की लागत भी नहीं निकाल पाते.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मराठी सिनेमा में इन दिनों बहुत अच्छी फिल्में बन रही है लेकिन स्क्रीन नहीं मिलने के कारण प्रदर्शन में परेशानी आती है. मैं खुद अपनी फिल्म के प्रदर्शन के लिये अक्तूबर नवंबर तक इंतजार कर रहा हूं ताकि दूसरी फिल्मों से टकराव न हो.’’

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