बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता सलमान खान के वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. इस हादसे को लेकर एक नया खुलासा हुआ है कि उस हादसे के दौरान सलमान के पास ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं था. उन्होंने वर्ष 2004 में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था.
अब इसका मतलब यह हो सकता है कि सलमान वर्ष 2004 से पहले बिना ड्रसईविंग लाईसेंस के चलते गाड़ी चला रहे थे. मुबंई में आरटीओ रघुवर विलावल की गवाही के बाद यह खुलासा हुआ है. वहीं इस मामले के साबित होने पर सलमान खान को छह महीने की सजा हो सकती है.
आपको बता दें कि सलमान खान पर 2002 में शराब पीकर बांद्रा के फुटपाथ पर सो रहे लोगों को कार से कुचलने का आरोप है. इसमें से एक की मौत हो गई थी जबकि चार लोग घायल हो गए थे. वहीं इससे पहले इस मामले की सुनवाई कर रही सत्र अदालत के समक्ष एक पुलिस कांस्टेबल अपने उस बयान से मुकर गया, जो उसने मजिस्ट्रेट के पास दर्ज कराया था. कांस्टेबल ने बचाव पक्ष के वकील श्रीकांत शिवदे द्वारा जिरह के दौरान कहा,’ मैं आरोपी (खान) के खून के नमूने को दो शीशी में एक लिफाफे में डाल कर फोरेंसिक प्रयोगशाला ले गया था.’
गवाह ने विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरात द्वारा जिरह के दौरान इससे पहले कथा कि वह बांद्रा पुलिस थाने से खून का नमूना प्रयोगशाला ले गया था.हालांकि, आज की जिरह के दौरान उसने इस बात से इनकार किया कि वह लोहे के एक डिब्बे में शीशियों को लेकर गया था. उसने कहा कि वह इसे लिफाफे में लेकर गया था. वह मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए इस बयान से भी मुकर गया कि खून के नमूने का पैकेट सीलबंद था.
गवाह ने कहा,’ मैंने मजिस्ट्रेट से नहीं कहा था (लोहे के डिब्बे या सीलबंद पैकेट के बारे में) और यह नहीं बता सकता कि उसने यह बात क्यों कही थी. कांस्टेबल ने बताया कि हादसे के दो दिन बाद 30 दिसंबर 2002 को वह नमूनों को प्रयोगशाला लेकर गया था.
16 फरवरी को होने वाली मामले की अगली सुनवाई में एक पुलिस उपनिरीक्षक से जिरह की जाएगी जो हादसे के बाद खून की जांच के लिए सलमान के साथ जेजे हॉस्पिटल गया था. यह सुनवाई रोजाना आधार पर चल रही है. 20 से अधिक गवाहों से जिरह हो चुकी है और कुछ बाकी बचे हैं. गौरतलब है कि इस हादसे में उपनगरीय बांद्रा में सलमान की कार एक बेकरी में घुस गई थी.