दंडित हुए दबंग : ‘बैड ब्वॉय’ से हर दिल अजीज स्टार
जम्मू-कश्मीर में ‘बजरंगी भाईजान’ की शूटिंग से मुंबई लौटने के अगले ही दिन कोर्ट ने ‘दबंग’ को सजा सुनायी, तो पूरा बॉलीवुड स्तब्ध रह गया. सुनवाई के अंतिम क्षण तक फिल्म उद्योग पसोपेश में था. सलमान के शुभचिंतकों और सह कलाकारों को उम्मीद थी कि कुछ भी उनके खिलाफ नहीं होगा, लेकिन जज ने सलमान […]
जम्मू-कश्मीर में ‘बजरंगी भाईजान’ की शूटिंग से मुंबई लौटने के अगले ही दिन कोर्ट ने ‘दबंग’ को सजा सुनायी, तो पूरा बॉलीवुड स्तब्ध रह गया. सुनवाई के अंतिम क्षण तक फिल्म उद्योग पसोपेश में था. सलमान के शुभचिंतकों और सह कलाकारों को उम्मीद थी कि कुछ भी उनके खिलाफ नहीं होगा, लेकिन जज ने सलमान खान और उनके वकील की भी बोलती बंद कर दी. कोर्ट ने रोडरेज के संजीव नंदा बीएमडब्ल्यू और एलिस्टर परेरा केस की मिसाल दी और 13 साल पुराने मामले का फैसला पांच से छह मिनट में पढ़ कर सुना दिया. फैसला सुनते ही सलमान, उनकी बहनें अलवीरा और अर्पिता के साथ भाई सोहेल खान भी रो पड़े. आंसुओं को छिपाते हुए अरबाज खान कोर्ट से बाहर निकल गये.
बॉलीवुड के ‘बैड ब्वॉय’ की छाप से सुपरस्टार बनने तक का सलमान खान का सफर परेशानियों और सौगातों से भरा रहा. संजय दत्त के बाद सलमान (49) मुंबई फिल्म उद्योग के दूसरे बड़े फिल्म स्टार हैं, जो हाल के वर्षो में एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामले में शामिल रहे हैं. ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘करण अर्जुन’, ‘जुड़वां’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘हम साथ-साथ हैं’ जैसी अनेक फिल्मों में अपनी खास भूमिका अदा करनेवाले सलमान ने पिछले दशक में खुद को पूरी तरह बदल डाला है.
आलोचकों का कहना है कि बॉलीवुड के इस आकर्षक लड़के के बारे में बीते वर्षो में लोगों की धारणा बदली है. उनका कहना है कि बैड ब्वॉय से वह एक ऐसा इनसान बन गये हैं, जिसे हर कोई पसंद करता है. मीडिया के साथ अपने खट्टे-मीठे रिश्तों के कारण अक्सर चर्चा में बने रहनेवाले सलमान का 90 के दशक में वह ‘सनम बेवफा’ के सेट पर फोटो पत्रकारों से झगड़ा हो गया था. कुछ फिल्म पत्रिकाओं ने उनका बहिष्कार भी किया. हालांकि, सलमान के आलोचक भी इस बात पर एकमत हैं कि कई फिल्मी अभिनेत्रियों के साथ प्रेम संबंध में रह चुके सलमान का दिल सोने जैसा है. एक वरिष्ठ फिल्म पत्रकार के अनुसार, ‘वह एक बेहद आज्ञाकारी पुत्र हैं. यहां तक कि अपने पिता की दूसरी पत्नी हेलेन को भी वह पूरा सम्मान देते हैं.’
एक पत्रकार ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘वर्ष 2002-03 अभिनेता के लिए एक बुरा दौर था. समय बीतने के साथ उनमें एक इनसान के तौर पर बहुत बदलाव आया है और वह शांत हुए हैं.’ सलमान को अपने फिल्मी कैरियर में कई पुरस्कार भी मिले हैं. उनकी दूसरी फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ (1989) के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था. इस फिल्म में वह मुख्य भूमिका में थे. वर्ष 1999 में खान को फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ (1998) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला.
वर्ष 2011 में उन्हें ‘दबंग’ में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का स्क्र ीन अवॉर्ड मिला. हिट-एंड-रन और काला हिरण शिकार मामलों में जेल काटने के तत्काल बाद आयी उनकी फिल्म ‘तेरे नाम’ हिट हुई थी. इस फिल्म में सलमान के साथ भूमिका चावला थीं. फिल्म उद्योग से जुड़े एक व्यक्ति का कहना है कि सलमान अब इस बात को लेकर कहीं ज्यादा सजग हैं कि वे क्या काम कर रहे हैं? वह पहले की तरह लापरवाह नजर नहीं आते. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2007 की फिल्म ‘वांटेड’, उनके टीवी शो ‘दस का दम’ के दो सत्र, बाद में एक अन्य रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ और उनके एनजीओ ‘बीइंग ह्यूमन’ सलमान की छवि और पेशेवर कैरियर में काफी सकारात्मक बदलाव लेकर आये.
फिल्म उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘उनका ध्यान पैसा कमाने पर है, ताकि वह उसका इस्तेमाल ‘बीइंग ह्यूमन’ में कर सकें.’ सलमान मंगलवार को ही ‘बजरंगी भाईजान’ की शूटिंग कर श्रीनगर से लौटे हैं. जज डी डब्ल्यू देशपांडे ने जब फैसला सुनाया, सलमान अदालत कक्ष में ही मौजूद थे. दो निर्माणाधीन फिल्मों के साथ-साथ कई विज्ञापनों के कारण लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश सलमान के साथ जुड़ा है. निजी जिंदगी में, सलमान के पिता सलीम खान उनके जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका में रहे हैं. पिता द्वारा पुत्र का फिल्मी कैरियर लांच किये जाने के बजाय सलमान ने जैकी श्रॉफ अभिनीत फिल्म ‘फलक’ में शशिलाल नायर के सहायक के रूप में काम किया था. इसके बाद उन्हें फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ में एक अभिनेता के तौर पर काम मिला.
काम न आये ये पांच दावं
सलमान को लंबी सजा से बचाने के लिए उनके वकील ने कई दांव खेले, लेकिन जज ने उनकी एक न सुनी. सलमान के वकील ने उन्हें बचाने के लिए निम्न बातें कोर्ट से कहीं.
सलमान ने 600 बच्चों का इलाज करावाया
अभिनेता ने 42 करोड़ रु पये चैरिटी में खर्च किये
हम पीड़ितों को मुआवजे के लिए तैयार हैं
तीन साल से ज्यादा सजा मत दो
वकील ने सलमान के बीमार होने की अर्जी दी
जज की ये बातें सुन सब सन्न
सलमान गैर इरादतन हत्या के दोषी करार
सभी मामलों में दोषी, दूसरों की जान के लिए थे खतरा
हादसे के वक्त सलमान चला रहे थे गाड़ी
नशे में गाड़ी चला रहे थे सलमान
लाइसेंस नहीं था सलमान के पास
10 साल की सजा बनती है, आपका क्या कहना है
ये संभव नहीं कि अशोक सिंह चला रहा था गाड़ी
सलमान की याचिका पर नये सिरे से शुरू हुई थी सुनवाई
दिसंबर, 2013 में सलमान ने याचिका दाखिल कर मांग की कि मजिस्ट्रेट के समक्ष पहले पेश किये गये साक्ष्यों को खारिज कर नये सिरे से मुकदमे की सुनवाई हो, क्योंकि वह अब गैर इरादतन हत्या के ज्यादा गंभीर आरोप का सामना कर रहे हैं. जज डीडब्ल्यू देशपांडे ने याचिका स्वीकार कर ली और फास्ट ट्रैक सुनवाई की बात कही. इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें गैर इरादतन हत्या का आरोपी पाया था.तब सलमान पर लापरवाही के चलते मौत का केस चल रहा था.