मुझे फरहान की तरह ऑलरांउडर बनना है: रणवीर सिंह

रणवीर सिंह हरवक्त ऊर्जावान रहते हैं. वह कभी आपके सवालों को न नजरअंदाज करते हैं और न ही टालने वाले जवाब देते हैं. युवा पीढ़ी को उनसे यह सीख जरूर लेनी चाहिए कि वे किस तरह फिल्मों के साथ साथ वास्तविक जिंदगी को भी पूरी जिंदादिली से जीते हैं. जल्द ही उनकी फिल्म दिल धड़कने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2015 5:51 PM

रणवीर सिंह हरवक्त ऊर्जावान रहते हैं. वह कभी आपके सवालों को न नजरअंदाज करते हैं और न ही टालने वाले जवाब देते हैं. युवा पीढ़ी को उनसे यह सीख जरूर लेनी चाहिए कि वे किस तरह फिल्मों के साथ साथ वास्तविक जिंदगी को भी पूरी जिंदादिली से जीते हैं. जल्द ही उनकी फिल्म दिल धड़कने दो रिलीज होने वाली है. पेश है उर्मिला व अनुप्रिया से हुई बातचीत के मुख्य अंश :

1. रणवीर, आप जब भी मिलते हैं. गाने गुनगुनाते हुए मिलते हैं. फिर प्रियंका की तरह आपने भी दिल धड़कने दो में गाने क्यों नहीं गाये?

हां, मुझे गाना था. मैंने यह आइडिया फरहान को दिया भी था. लेकिन वह तैयार नहीं हुआ. प्रियंका को मौका दिया. लेकिन मुझे नहीं. दरअसल, मैं कविताएं लिखता हूं और मुझे गाने का भी बहुत शौक है. मैं इन चीजों को सीरियसली लेता हूं. मुझे फरहान की तरह बनना है. वह फिल्में बनाता है, फिल्में का निर्माण करता है. वह एक्टर है स्टैंडअप कॉमेडियन भी है. गाता भी है. मुझे भी फरहान की तरह ऑलराउडर बनना है. मुझे भी फिल्म प्रोडयूस करनी है. डायरेक्टर करनी है. जिसमे मैं एक्टर भी हूं.

एक फिल्म का हार्ट एंड सोल सबकुछ मैं हूं. जैसे वूडी एलन, इस्टवुड, चार्ली चैप्लीन और राजकूपर थे. वैसे ही मैं एक फिल्म ऐसी बनाना चाहता हूं. जिसमे पूरी तरह से मेरी ही छाप हो. हां इसमे समय है क्योंकि अभी एक्टर के तौर पर ही मुझे खुद को साबित करना है.

2. बतौर एक्टर आप अब तक के अपने सफर को कैसे देखते हैं?

अब तक की जर्नी ठीक ठाक रही है. बुरी नहीं कहूंगा, हां लेकिन बहुत कुछ करना है. अब तक कोई तीर नहीं मारा है. अपनी हर फिल्म में बहुत कुछ अलग करने की मेरी कोशिश रही है. बैंड बाजा बारात, गुंडे, रामलीला और अब दिल धड़कने दो. सभी फिल्मों में एकदम अलग अपनी वर्साटिलिटी स्थापित करनी है. शुरुआत में मैंने कॉपी राइटर बनने की ही कोशिश की थी. अच्छा किया था लेकिन फिर मैंने चेंज कर दिया और एक्टिंग करना शुरू कर दिया मैंने और मुझे लगता है कि मैं सही जगह पर आ चुका हूं. लेकिन अब भी मुझे बहुत कुछ करना है.

आप देखना ‘दिल धड़कने दो’ में कई टर्न नजर आयेंगे. एक वर्सटेलिटी दिखेगी इसमें भी. जैसे मैं गुंडे में था या रामलीला में था. वैसा रस्टिक वाला नहीं. बैंड बाजा बारात सा कुछ कुछ और शायद कुछ कुछ नहीं. इन सब पिक्चरों से अलग और उन सब पिक्चरों से परे अर्बन अवतार है. और मेरा मानना है कि अर्बन कहानियों को जोया अख्तर से अच्छी तरह कोई भी नहीं दिखाता. देनेवाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है. उन्होंने मुझे कितनी खूबसूरती से दर्शाया है इस फिल्म में. यह और कोई नहीं कर सकता था.

3. आपने बाजीराव मस्तानी के लिए खुद को इंडस्ट्री से पूरी तरह अलग कर लिया था. इस ब्रेक की कोई खास वजह?

हां, यह सच है कि मैंने ब्रेक लिया और इस ब्रेक में मैंने काफी कुछ सीखा. मैं तीन हफ्तों तक एक कमरे में बंद रहा और भाषा सीखी. एक्सेंट सीखा. यह सब सीखने के लिए आपको ब्रेक लेना जरूरी है. मैं हर फिल्म से पहले थोड़ा ब्रेक लेता हूं. क्योंकि बाजीराव की भाषा अलग है. तो यह सब सीखने के लिए मुझे वक्त देना ही था. मैंने लुटेरा के लिए एक्टिंग वर्कशॉप्स खूब किये. लेकिन हर फिल्म की अपनी डिमांड होती है. विक्रम अलग था.

भंसाली सर अलग हैं तो फिल्मों के अनुसार तैयारियां करता हूं. अब जैसे भंसाली सर का है कि वह डायलॉग तैयार नहीं करते. वह अपने किरदार को पूरा स्पेस देते हैं कि वह अपनी तरह परफॉर्म करें. वह खुद परफॉर्म करके नहीं दिखाते. तो हर किरदार का अप्रोच अलग होता है. फिल्म बैंड बाजा के लिए मुझे दिल्ली के लौंडे के साथ रहना पÞड़ा. एक्सोवर्ट पर्सनालिटी को कैसे रहना होता है. यह जानना जरूरी था. रामलीला के लिए गुजराती की भाषा परिवेश समझना था. गुंडे के लिए जिम वाली तैयारी करनी थी. इस फिल्म के लिए लर्निंग प्रोसेस यह होता था कि मैं जोया से बातचीत करता था और उसके साथ मैं स्क्रिप्ट को समझ पाया. मैं प्रेप को इंज्वाएॅय कर ता हूं. मैं एक्चुअल शूटिंग को एंज्वॉय करता हूं.

4. अनिल कपूर के आप फैन रहे हैं. इस फिल्म में वह आपके पिता के किरदार में हैं तो कैसा रहा अनुभव?

अनिल कपूर का तो मैं बचपन से फैन रहा हूं. उनकी ही फिल्में देख देख कर तो मैं बड़ा हुआ हूं. बेटा, ईश्वर और तेजाब, रखवाला ये पिक्चरें देखकर बड़ा हूं. अनिल कपूर को देखकर लगा कि मुझे भी हीरो बनना है. जो चीजें मेरे साथ हो रही है. जो सपने देखे तो उनके परे हो रहा है. वो कूल डूड है. गुरु चेले वाला इक्वेशन है. हम साथ में जिम जाते हैं. यंग एट हर्ट है. अपनी उम्र से पंद्रह बीस साल कम देते हैं और यह सब इसलिए क्योंकि वह अब तक फिट हैं तो वह नजर आता है. इस फिल्म में कोई भी किरदार कोई भी कर सकता था. लेकिन अनिल कपूर वाला किरदार सिर्फ अनिल कपूर ही कर सकते थे.

5. हाल ही में आपकी एक्टिंग क्लासेस की वीडियो वायरल हुई है.

काफी साल हो गए 21 साल की उम्र 21 साल में बहुत सीखा हुआ है. क्राफ्ट के बारे में, दुनियादारी के बारे में लाइफ के हर स्टेज पर लगता है कितनी चीजें हैं जानने को .आज में बोलूंगा तब बच्चा था. लेकिन फिल्म में काम करने का ऐसा चस्का था कि पूछो मत. वो सब मिस करता हूं. उन दिनों में काफी कुछ सीखा है मैंने. अपनी ओल्ड एक्टिंग क्लास की याद दिलाते हैं. बहुत अच्छा लगा दिल को वो देखकर एकदम लंगूर की तरह बिट्टू शर्मा की तरह लग रहा था. मैं उस वक्त मेरे जीन में मस्ती थी और वही नजर आती है लोगों को सच कहूं तो. लोग मुझसे हमेशा पूछते हैं कि मैं हरदम इतना एर्नजेटिक कैसा रहता हूं. मैं बस यही कहना चाहता हूं कि एक्टिंग को एंजॉय करता हूं इसलिए खुश रहता हूं.

6. रणवीर आप खुद को स्पॉटेनियस एक्टर मानेंगे या मेथड ?

सच कहूं तो लुटेरा से रामलीला तक मेरे अंदर बहुत बदलाव आया. लुटेरा के वक्त मैंने वर्कशॉप की थी. मैंने उस वक्त एक एक चीज लिख ली थी पेपर में. इतनी तैयारी लिख कर की थी कि पूछो मत. मैं रिहर्सल में विश्वास करता हूं. लेकिन बाद में मैं जब एक्टिंग करने जाता हूं तो उस किताब को उस रिहर्सल को भूल जाता हूं. फिर जो सामने है वोही करना है. कई जगह आपको पांच मिनट पहले रोल मिलते हैं. भंसाली सर तो आज कुछ देते हैं और कल आकर कहेंगे. चेंज कर दिया है. कुछ और करना होगा अब. तो उस वक्त स्पॉटेनिटी ही काम आती है. अब ब्लैंक स्लेट की तरह जाता हूं. लुटेरा रामलीला साथ साथ शूट की थी. लेकिन अलग अलग और इंटेंस किरदार थे. लेकिन दोनों का तरीका अलग था. सो, उस अनुसार ही एक्टिंग की.

7. ‘दिल धड़कने दो’ एक परिवार की कहानी है. क्या आप भी वास्तविक जिंदगी में पारिवारिक इंसान हैं?

मैं बहुत ज्यादा फैमिली पर्सन हूं. मैं ममाज ब्वॉय हूं. मेरी बहन भी मेरी मां की तरह ही है. वह मेरी दूसरी मां है. एक समय था. जब हम एकदूसरे से खूब लड़ते थे. एक दूसरे की खिंचाई करना, एक दूसरे को सताना, वो हर कुछ करते थे. जो एक आम भाई बहन में होता है लेकिन समय के साथ जैसे हम मैच्योर होते गए. मेरी बहन भी मेरी मां बन गयी. वह मेरा बहुत ख्याल रखती है. हाल ही में अपनी चोट की वजह से मैं अपने परिवार के साथ एक लंबे अरसे बात समय बिता रहा हूं. मैं इस फेज को बहुत एंज्वॉय कर रहा हूं. मेरी मां भी यह बोलती है कि तेरी शक्ल दो साल में जितनी देखने को नहीं मिली जितनी दो महीने में देखने को मिल रही है.

8. इंडस्ट्री का रवैया अपनी प्रति कितना बदला हुआ पाते हैं.

मुझे नहीं पता है. हां बड़े आॅफर्स आ रहे है. बैंड बाजा बारता के बाद हमेशा फिल्म दर फिल्म मेरे कैरियर में ग्रोथ ही हुई है. मेरी पहली फिल्म हिट हो गयी थी. मैं लकी हूं. मेरे कैरियर की चौथी फिल्म भंसाली के साथ की. काफी समय से अरर्बन कैरेक्टर करना चाहता था. वो कहते हैं ना कि देने वाला देता है तो छप्पर फाड़ के. अर्बन कैरेक्टर और इंटरपर्सनल रिलेशन को बयां करने में जोया लीडिंग डायरेक्टर है.

9. किसी स्क्रिप्ट को हां कहने के लिए आपके लिए क्या अहम होता है.

मैं डायरेक्टर के ऊपर जाता हूं. उनका काम देखा है. अच्छा लगा है तो हां कह दूंगा. सेकेंड थिंग फिल्म का फर्स्ट नरेशन या रीडिंग सेशन क्या पढ़ते हुए आप हंस रहे हो या रो रहे हैं या २५ पेज पढ़ने के बाद आप ढीले पड़ गए हो.अगले पन्ने में क्या होगा आपको इसमे उत्सुकता नहीं तो मैं फिल्म का हिस्सा नहीं बन सकता हूं. आखिर में मैं देखता हूं कि क्या मुझे यह पार्ट या किरदार करना चाहिए. इस किरदार के लिए क्या खुद को इंवेस्ट करना सही होगा.

10. इस फिल्म में जब आपको पता चला कि अनुष्का साथ काम करनेवाली हैं तो आपकी क्या प्रतिक्रिया थी?

मैंने जो जोया को कह दिया था कि मैं तो हां कह रहा हूं. लेकिन देख लेना अनुष्का हां नहीं कहेगी. लेकिन तुम पूछ कर देख लो. लेकिन मैं आश्चर्य में तब पड़ा जब अनुष्का ने भी हां कह दिया. अनुष्का मेरे लिए हमेशा खास हैं. क्योंकि उसके साथ मैंने करियर की शुरुआत की है और मैं काफी खुश हूं कि फिर से हम परदे पर साथ आ रहे हैं. लोगों को हमें देखना पसंद है. इस फिल्म में ऐसे भी काफी फन है तो हमने इतनी मस्ती की है कि आप सोचते रह जायेंगे. मैं खुश हूं कि अनुष्का और मैं साथ हैं. हम अच्छे दोस्त बन गये हैं फिर,अनुष्का का दिल बहुत साफ है और हमारी अब बहुत दोस्ती है.

11. प्रियंका के साथ कैसा अनुभव रहा?

प्रियंका के साथ पहले फिल्म कर चुकी थी. सो, अब कंफर्ट जोन आ गया है. अब वह सीनियर की तरह नहीं रहतीं. मजा आया. फन व्फिल्म है तो हमने खूब मस्ती की है. साथ ही हम दोनों के फिल्म में सबसे ज्यादा सीन हैं तो सबसे ज्यादा समय बिताया हमने तो काफी अच्छा रहा अनुभव. उनकी तरह मैं भी गाना गाना चाहता हूं.

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