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अपनी ही धरती पर पराया बनकर रह गया शास्त्रीय संगीत : बैजयंती माला

गुजरे जमाने की प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री बैजयंती माला बाली ने शास्त्रीय संगीत की वर्तमान स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकारी सहयोग न मिलने के कारण भारतीय शास्त्रीय संगीत को अपने देश में जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया.वह स्वामी हरिदास की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2013 1:56 PM

गुजरे जमाने की प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री बैजयंती माला बाली ने शास्त्रीय संगीत की वर्तमान स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकारी सहयोग न मिलने के कारण भारतीय शास्त्रीय संगीत को अपने देश में जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया.वह स्वामी हरिदास की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए रविवार शाम वृंदावन आई हुई थीं.

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारतीय भूमि पर जन्म लेकर भी शास्त्रीय संगीत बेगाना होकर रह गया है. गनीमत है कि देश की कुछ गिनी-चुनी संस्थाओं द्वारा प्रश्रय दिए जाने से फिलहाल इसकी पहचान बनी हुई है.

बैजयंती ने कहा कि शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया जाता और न ही इसके लिए कलाकारों को कोई प्रोत्साहन दिया जाता है, जबकि पाश्चात्य संगीत को प्रायोजित करने के लिए हरसंभव सहायता दी जाती है.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से आज शास्त्रीय संगीत के बजाय समाज में पाश्चात्य संगीत का चलन बढ़ गया है.

इसके पूर्व पद्मश्री बैजयंती माला ने भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया.

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