सुपरहिट फिल्म ‘मैरीकॉम’ के बाद प्रियंका चोपड़ा अब फिल्म ‘दिल धड़कने’ दो में नजर आ रही हैं. प्रियंका इस फिल्म को अपनी अब तक की फिल्मों से अलग करार देती हैं. वह खुद को इस फिल्म के किरदार आएशा मेहरा की तरह ही बताती हैं, लेकिन वह यह कहना भी नहीं भूलतीं कि वह रियल लाइफ में आएशा से ज्यादा मुंहफट हैं. प्रियंका से उनकी इस फिल्म और कैरियर पर उर्मिला कोरी की बातचीत के मुख्य अंश :
1. क्या वजह थी, जो आप इस फिल्म का हिस्सा बनीं?
इस फिल्म में मेरा किरदार मेरी पिछली फिल्म ‘मैरीकॉम’ से बिल्कुल अलग था. इस फिल्म में मैं लड़की टाइप हूं. एक प्यारी सी लड़की आएशा मेहरा. मैं रियल लाइफ में बहुत गर्ली टाइप हूं. अब तक मैंने ऐसा किरदार निभाया नहीं था, इसलिए मैं इस फिल्म का हिस्सा बनी. इस फिल्म की शूटिंग की शुरुआत में मैंने कपड़ों से अपने हाथ ढंक रखे थे, क्योंकि ‘मैरीकॉम’ के लिए मैंने जो बॉडी बनायी थी, वह नजर आ रही थी. ‘मैरीकॉम’ के दस दिन के बाद मैंने इस फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी थी. मुङो क्रैश डाइट पर जाना पड़ा था ताकि मेरे डोले-शोले खत्म हो जाएं.
2. इस फिल्म में आप अपने अच्छे दोस्त की खातिर अपने पति को छोड़ती नजर आ रही हैं?
यह फिल्म है, लेकिन मैं ऐसी नहीं हूं कि एक लड़ाई की वजह से अपने पति को छोड़ दूं. मुङो प्यार है अगर अपने पति से, तो मैं अपनी शादी के लिए सबकुछ करूंगी. लेकिन जबरदस्ती की शादी ढोने में भी मैं यकीन नहीं करती हूं. प्यार है तो ही रिश्ता टिक सकता है, वरना और किसी के बल पर शादी को टिकाये रखना गलत है. कम से कम मेरे लिए तो है.
3. इस फिल्म में लंबी स्टारकास्ट है. ऐसे में इस फिल्म की शूटिंग कितनी अलग थी?
इस फिल्म को हां कहने की एक वजह यह भी थी. हम सभी ने बहुत इंज्वॉय किया था. हमें लगा कि हम एक ट्रिप पर गये हैं. अनुष्का, रणवीर, अनिल, शेफाली, फरहान और जोया सभी के साथ एक बॉडिंग हो गयी थी. फरहान के निर्देशन में मैंने ‘डॉन’ और ‘डॉन टू’ की थी लेकिन मैं फरहान ये ज्यादा बात नहीं करती थी. वह बहुत ही रिजर्व किस्म के इंसान हैं. शाहरूख के जरिए ही मैं इन फिल्मों के सेट पर बात करती थी, लेकिन इस फिल्म के दौरान हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी.
4. अमेरिकन टीवी पर अपनी नयी शुरुआत ‘क्वांटिकों’ से किस तरह की उम्मीदें हैं?
क्वांटिकों से बहुत उम्मीदें हैं. मैं उसकी सफलता की कामना करती हूं. इससे सिर्फ मुङो ही नहीं, भारतीय कलाकारों को अमेरिकन सीरियल में लिया जाने लगेगा. भारतीय एक्टर को अब तक तभी किसी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट से जोड़ा जाता था, जब कहानी में किसी भारतीय पात्र की जरूरत होती थी. लेकिन ‘क्वांटिको’ में ऐसा नहीं है. मैंने पहले ही साफ कह दिया था कि मैं एक एक्टर हूं और मुझे एक एक्टर के तौर पर ही कास्ट किया जाना चाहिए. वैसा ही हुआ.
मैं अमेरिकन बनी हूं, जो अमेरिकी एक्सेंट के साथ बात करती है. भारतीय कलाकारों को लेकर बहुत ही छोटी सोच है विदेशों में. बहुत भेदभाव होता है. हमारे चलने-बोलने से लेकर रहन- सहन सभी पर उन्हें हंसी आती है. मैंने तो अपनी पढ़ाई के दौरान ही भेदभाव ङोला था. मैं जब वहां पढ़ने गयी थी, तो मेरे स्किन के रंग की वजह से मुझे लोग ब्राऊनी बुलाते थे. मुझे स्कर्ट न पहनने की सलाह देते थे, क्योंकि मैं गोरी नहीं हूं.
5. आप नंबर गेम में कितना यकीन करती हैं?
नंबर गेम में यकीन है लेकिन टॉप पर हूं या दूसरे पायदान पर यह नहीं सोचती हूं. हां इतना जरूर जानती हूं कि इंडस्ट्री की टॉप फाइव एक्ट्रेसेस में मैं भी हूं. मैं खुद को स्टार, एक्ट्रेस के बजाय एचीवर मानती हूं. यह तो शुरुआत है, अभी बहुत कुछ अचीव करना बाकी है.
6. आप अपनी अब तक की जिंदगी के तीन बड़े अचीवमेंट क्या मानती हैं?
17 साल की उम्र में मिस वर्ल्ड बनाना, दूसरा बिना किसी बैकग्राऊंड या फॉर्मल ट्रेनिंग के यह तय करना कि मैं एक्टिंग कर लूंगी और तीसरा संगीत की प्रतिभा को पहचनाना है.
7. आपकी फिल्म ‘मैडम जी’ शुरू क्यों नहीं हो पा रही है?
इस फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी है, लेकिन कुछ ऐसे इश्यूज हैं, जो फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद जेहन में आते हैं. इस वजह से फिलहाल हमने फिल्म होल्ड पर रखी है. उम्मीद है कि आनेवाले समय में जल्द ही इस फिल्म पर काम शुरू होगा.
8. ‘बाजीराव मस्तानी’ के बारे में कुछ बताइए?
बहुत ही खूबसूरत किरदार है इस फिल्म में मेरा. बाजीराव की पत्नी का किरदार है. वह बहुत कुछ सहती है, लेकिन कुछ कहती नहीं. भावनात्मक रूप से बहुत थका देनेवाला किरदार है. यही वजह है कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मैं इतनी थक जाती थी कि बिस्तर पर जाते ही सो जाती थी. भंसाली सर ने बहुत ही खूबसूरती से इस फिल्म को शूट किया है. हर एक फ्रेम एक कविता की तरह लग रहा है. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बता सकती, आपको फिल्म का इंतजार करना पड़ेगा.
9. इन फिल्मों के अलावा आप और किस फिल्म का हिस्सा हैं?
मैं ‘गंगाजल टू’ में नजर आऊंगी. इस फिल्म में अजय देवगन की तरह मैं जुर्म का खात्मा करूंगी, काफी रियालिस्टिक तरीके से. भूमाफिया से लेकर भ्रष्टाचार तक कई मामलों को यह फिल्म सामने लाएगी.