II अनुप्रिया अनंत II
फिल्म : एबीसीडी 2
कलाकार : वरुण धवन, श्रद्धा कपूर, प्रभुदेवा
निर्देशक : रेमो डिसूजा
रेटिंग : 2.5 स्टार
रेमो डिसूजा की फिल्म ‘एबीसीडी’ का पहला भाग डांस को ही समर्पित था. और दर्शकों ने इसे बेहद पसंद भी किया. वजह यह थी कि फिल्म में डांस को लेकर प्रयोग किये गये थे. पूरी फिल्म को डांस को समर्पित किया गया था. खास बात यह थी बॉलीवुड में वह अलग तरीके की फिल्म थी. सारे कोरियोग्राफर ही कलाकार थे. शायद इस वजह से फिल्म काफी वास्तविक नजर आयी थी.
लेकिन इस बार रेमो चूके हैं. फिल्म में पहले हिस्से का हैंगओवर अब तक नजर आ रहा है. इस फिल्म में देशभक्ति, रोमांस और डांस है. लेकिन डांस या कहानी में कुछ नयापन नहीं है. अगर एक बेहतरीन कहानी जो उनकी पिछली फिल्म से अलग होती तो इस फिल्म में दर्शकों की दिलचस्पी बरकरार रहती.
हालांकि यह भी हकीकत है कि पिछले कुछ सालों में रियलिटी शोज की वजह से हम कई कोरियोग्राफर और डांस के नये फॉर्म से वाकिफ हो चुके हैं. सो, जब इसे फिल्म के रूप में हम देखते हैं तो एक कहानी की उम्मीद और गुंजाईश दोनों होती है. फिल्म में डांस के कई जटिल डांस स्टेप हैं और उसे निभाने में कलाकारों ने कोई कसर भी नहीं छोड़ी है. श्रद्धा लगातार दर्शकों को चौंका रही हैं. वे लगातार अपने परफॉरमेंस में निखार ला रही हैं और इस फिल्म में वे कहीं भी चूकती नहीं हैं. वे बेहतरीन डांस स्टेप्स करती नजर आती हैं और डांस प्रेमियों के लिए यह आकर्षण का केंद्र होगा.
वरुण भी मेहनत करते नजर आते हैं. दोनों की जोड़ी स्क्रीन पर बेहतरीन नजर आती है. लेकिन इन सबके बावजूद फिल्म में कहानी न हो तो आपको फिल्म बांधे नहीं रख सकती. ‘एबीसीडी 2’ के साथ ऐसा ही हुआ है. निस्संदेह रेमो बेहतरीन कोरियोग्राफर हैं और वे लगातार अपने नये डांसिंग स्टेप्स से लोगों को चौंका भी रहे हैं. मगर फिर भी कहानी आपको नहीं लुभाती.
फिल्म में वरुण धवन सुरु के किरदार में हैं और विन्नी बनी हैं श्रद्धा कपूर. दोनों मुंबई के रहने वाले हैं. दोनों डांस के दीवाने हैं. और वे एक छोटे से कंप्टीशन का हिस्सा बनते हैं. लेकिन दोनों को नकल की वजह से शो से अलग कर दिया जाता है. उनकी काफी निंदा होती है. लेकिन इसके बावजूद दोनों तय करते हैं कि वे अपना जोश नहीं खोयेंगे. वे मशहूर डांसर विष्णु सर के पास जाते हैं. विष्णु सर पिछली फिल्म का भी हिस्सा थे. लेकिन कहानी में इस बात का जिक्र नहीं है कि वे पिछली फिल्म में भी थे.
विष्णु सर तय करते हैं कि वे दोनों को प्रशिक्षित करेंगे. फिल्म में फिर यों ही कहानी आगे बढ़ती जाती है. लेकिन कुछ खास आकर्षण नजर नहीं आता.फिल्म में कई जगह जबरदस्ती के गाने ठूसे गये हैं. प्रभुदेवा पिछली फिल्म की अपेक्षा अभिनय में खरे नहीं उतरते. वे सिर्फ फिल्म में डांस को ही एंजॉय करते नजर आते हैं. अभिनय में सिर्फ उनकी खानापूर्ति ही नजर आती है.
रेमो शायद किसी दबाव में रहे होंगे या फिर पहली फिल्म की लोकप्रियता को देखते हुए उन्होंने कई कलाकारों को दोहराया है. हां, यकीनन फिल्म सीक्वल है. बात समझ आती है लेकिन सीक्वल में कुछ भी नया न हो तो फिल्म बासी ही नजर आने लगती है. वरुण मेहनत कर रहे हैं अपनी फिल्मों से लगातार वे खुद को साबित कर रहे हैं. फिल्म में भव्यता है. डांस परफॉरमेंस को देख कर दर्शक मंत्रमुग्ध हो सकते हैं. लेकिन कहानी के अभाव में वह मोह शायद अधिक देर तक न टिक पाये.