नयी पीढ़ी को प्रेरित करेगी ”आई एम कलाम” : निर्देशक
कोलकाता : हिंदी फिल्म निर्माता नीला माधब पांडा ने कहा कि वह इस बात को लेकर गौरवांवित हैं कि ‘आई एम कलाम’ के माध्यम से वह युवा पीढी तक एपीजे अब्दुल कलाम के संदेश को पहुंचाने में सफल रहे. यह फिल्म 2011 में आयी थी. यह फिल्म एक 10 वर्ष के बाल मजदूर पर आधारित […]
कोलकाता : हिंदी फिल्म निर्माता नीला माधब पांडा ने कहा कि वह इस बात को लेकर गौरवांवित हैं कि ‘आई एम कलाम’ के माध्यम से वह युवा पीढी तक एपीजे अब्दुल कलाम के संदेश को पहुंचाने में सफल रहे. यह फिल्म 2011 में आयी थी.
यह फिल्म एक 10 वर्ष के बाल मजदूर पर आधारित है. वह कलाम के एक भाषण से प्रेरणा लेता है और उसकी पूरी जिंदगी बदल जाती है. इस फिल्म को खूब वाहवाही मिली और सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार भी.
पांडा ने बताया,’ मैं एक फिल्म के जरिये उनके संदेश को साझा कर गौरवांवित महसूस कर रहा हूं. वह देश के हर बच्चे तक अपने संदेश के साथ पहुंचना चाहते थे जो केवल ‘ज्ञान’ नहीं था. उनका मानना था कि हर समस्या का हल है.’
निर्देशक ने आशा जताई कि फिल्म आने वाले वर्षों में भी बच्चों को प्रेरित करती रहेगी. उन्होंने कहा ‘उनके जैसे नायक कभी नहीं मरते.’ पांडा ने कहा ‘सादगी उनकी सबसे बडी चीज थी. उनकी विनम्रता और सरलता हमारे लिए सीख है.’
उन्होंने साथ ही कहा कि उनके फिल्म के ‘छोटू’ जैसे बच्चों को कलाम जैसे नायक की जरुरत है. निर्देशक ने कहा कि वह कलाम के जीवन और काल पर एक और फीचर फिल्म बनाना चाहेंगे जिनका कल निधन हो गया.