20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मैं पल दो पल का शायर ..यादों के झरोखे से महान गायक मुकेश

‘मैं पल दो पल का शायर हूं ‘और ‘कभी-कभी मेरे दिल में’ जैसे सदाबहार गानों के गायक मुकेश का आज पुण्यतिथी है. फिल्मों में वो अभिनेता बनने आये थे. लेकिन, उनकी पहचान गायक के रूप में बनी. संगीत की शिक्षा मुकेश को अपनी बहन के म्यूजिक टीचर से मिला. दसवीं के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ […]

‘मैं पल दो पल का शायर हूं ‘और ‘कभी-कभी मेरे दिल में’ जैसे सदाबहार गानों के गायक मुकेश का आज पुण्यतिथी है. फिल्मों में वो अभिनेता बनने आये थे. लेकिन, उनकी पहचान गायक के रूप में बनी. संगीत की शिक्षा मुकेश को अपनी बहन के म्यूजिक टीचर से मिला. दसवीं के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दिया और थोड़े दिनों के लिए सर्वेयर की नौकरी कर ली.

दिल्ली में नौकरी के दौरान ही उन्होंने अपने गायन कला के संभावनाओं को तलाशने लगें.लेकिन असली कामयाबी तब मिली जब वो अपनी बहन के शादी में गाने के दौरान उनके आवाज को मोतीलाल ने सुना. मोतीलाल उन दिनों फिल्मों में बतौर अभिनेता के रूप में स्थापित थे.

हिन्दी फिल्मों में उनके करियर की शुरुआत फिल्म निर्दोष से हुई . इस फिल्म में वो एक सिंगर की भूमिका में नजर आये. उनका पहला गाना ‘दिल ही बुझा हुआ है तो’ था. उनके एक गाने ‘दिल जलता है तो जलने दो’ गाने के बारे में फिल्म इंडस्ट्री में एक मशहूर किस्सा प्रचलित है . प्रख्यात गायक कुंदन लाल सहगल ने एक बार यह गाना सुनकर कहा था कि मुझे याद नहीं आ रहा है कि मैंने कब ये गाना गाया.मुकेश ने अपने समकालीन गायकों की तुलना में कम गाने गाये लेकिन वो गानों की संख्या से ज्यादा उसके क्वालिटी पर ध्यान देते थे.
फिल्म कभी-कभी का टाइटल सांग आज भी लोगों के जेहन में याद हैं.उन्होंने ‘सावन का महीना’ , ‘इक दिन बीत जायेगा’ जैसे गाने गये. फिल्म रजनीगंधा में गाने को लेकर उन्हें नेशनल अवार्ड मिला.27 अगस्त 1976 को दिल का दौरा पड़ने से मुकेश का मिशीगन में निधन हो गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें