मामले को भुनाने के लिए नहीं बनाई ‘तलवार” – मेघना गुलजार

नयी दिल्ली : निर्देशक मेघना गुलजार का कहना है कि फिल्म ‘तलवार’ को बनाने के पीछे उनका मकसद मामले को भुनाना नहीं है. फिल्म ‘तलवार’ 2008 के सनसनीखेज आरुषि और हेमराज हत्याकांड पर आधारित है. मेघना का कहना है कि फिल्म हत्याकांड के दोषी को उजागर नहीं करती बल्कि फिल्म में हत्याकांड से जुडे विभिन्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2015 10:23 AM

नयी दिल्ली : निर्देशक मेघना गुलजार का कहना है कि फिल्म ‘तलवार’ को बनाने के पीछे उनका मकसद मामले को भुनाना नहीं है. फिल्म ‘तलवार’ 2008 के सनसनीखेज आरुषि और हेमराज हत्याकांड पर आधारित है. मेघना का कहना है कि फिल्म हत्याकांड के दोषी को उजागर नहीं करती बल्कि फिल्म में हत्याकांड से जुडे विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है. जिसमें आरुषि के पिता डॉ राजेश और माता नूपुर तलवार को दोषी पाया गया है.

मेघना ने कहा, ‘हम मामले को भुनाने की कोशिश नहीं कर रहे. यह हमारा उद्देश्य नहीं है…मामले का फैसला आने के बाद भी हत्याकांड के कुछ पहलू अभी भी अनछुए हैं. यही कारण है कि इस मामले में अभी भी दिलचस्पी बरकरार है. यह एक ऐसी कहानी है कि जो निश्चित तौर पर लोगों को बताई जानी चाहिए. ‘ मेघना ने बताया कि टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में फिल्म के वर्ल्ड प्रीमियर के बाद इसे दो अक्तूबर को भारत में रिलीज किया जाएगा.

फिल्म से जुडे अनुसंधान और उसकी पटकथा के लिए मेघना ने विशाल भारद्वाज पर भरोसा किया. विशाल भारद्वाज जंगली पिक्चरस् के सह-निर्माता भी हैं. मेघना ने कहा, ‘हमने कभी भी मामले का हल करने की कोशिश नहीं की. मामले की जांच खत्म हो चुकी है. मैंने और विशाल जी ने इस मामले से जुडे तमाम पहलूओं को टटोला. हमने प्रत्येक परिप्रक्ष्य से ईमानदार होने की कोशिश की. मामले को लेकर स्पष्ट जवाब देना या अपनी राय रखना हमारे हाथ में नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘इस मामले की अनूठी बात यह है कि हर जांच दल ने पूरे विश्वास के साथ इसकी अलग -अलग कहानी पेश की. इससे भी यह मामला और विस्तारित बनता गया.’ मेघना ने बताया कि फिल्म में चरित्रों के नाम को बदला गया है और फिल्म का नाम भी मुख्य नाम आरुषि की जगह उपनाम ‘तलवार’ रखा गया है.

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