नयी दिल्ली : हिट और फ्लॉप फिल्में किसी भी कलाकार के करियर का हिस्सा होती हैं लेकिन इमरान खान का मानना है कि लोग उनकी असफलताओं को लेकर ज्यादा ही सख्त हो जाते हैं जबकि उनकी सफलताओं पर ध्यान नहीं देते. इमरान ने वर्ष 2007 में ‘जाने तू…या जाने ना’ से फिल्मी दुनिया में धमाकेदार सफल प्रवेश किया था.
उनकी ‘आई हेट लव स्टोरीज’, ‘देल्ही बेली’ और ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ को सफलता मिली जबकि ‘लक’, ‘किडनैप’, ‘एक मैं और एक तू’, ‘ब्रेक के बाद’ और ‘मटरु की बिजली का मंडोला’ को अपेक्षित सफलता नहीं मिली.
अपनी गर्भवती पत्नी की देखभाल के लिए दो साल की छुट्टी पर जाने से पहले इमरान की दो फिल्में ‘गोरी तेरे प्यार में’ और ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’ रिलीज हुई थीं.
इमरान ने कहा कि कई बार वह इसे बडा अजीब पाते हैं कि उन्होंने पहली बार फिल्म निर्देशित करने वाले निर्देशकों के साथ हिट फिल्में दी, लोग उसे भूल गए जबकि सारी असफल फिल्मों का दोष उनके सिर मढ दिया गया.
इमरान ने कहा, ‘मुझे कभी यह नहीं लगा कि मुझे जो मिलना चाहिए था वह मिला. मुझे अक्सर यह लगता है कि मेरे करियर में मैंने अच्छी फिल्में की हैं लेकिन उसका श्रेय किसी तरह निर्देशकों को चला गया और लोगों ने कहा कि यह निर्देशक का कमाल था कि उन्होंने मुझसे अच्छा अभिनय करवाया.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब कोई फिल्म फ्लॉप हुई तो सारी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर डाल दी गई. मेरी जितनी भी फिल्में असफल रहीं वो मैंने बडे निर्देशकों के साथ की थी तो मुझे लगा ‘वे स्थापित निर्देशक हैं और सारा दोष मेरे मत्थे आ गया.’ जब मैंने प्रथम बार निर्देशन कर रहे निर्देशकों के साथ सफल फिल्में की तो सारा श्रेय निर्माताओं को चला गया. मेरे पूरे करियर के दौरान यह लय बनी रही. लोगों के बीच मुझे लेकर एक अजीब अवधारणा है.’
हालांकि इमरान को लगता है कि हाल में आई उनकी ‘कट्टी-बट्टी’ से मान्यताओं में बदलाव आ. इस फिल्म में इमरान के साथ कंगना रनौत भी हैं.