एक्शन का तड़का है बॉस

वर्ष 2010 में रिलीज हिट मलयालम फिल्म ‘पोकिरी राजा’ का हिंदी रिमेक ‘बॉस’ नाम से बनाया गया है.‘बॉस’ फिल्म का ‘बॉस’ यानी अक्षय कुमार यह बार बार कहते हैं कि ‘अपने को क्या है…अपने को सिर्फ पानी निकालना है….’ उनके इस डायलाग पर खूब तालियां बजती है. फिल्म ऐसे लड़के (अक्षय कुमार) की कहानी है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2013 7:47 AM

वर्ष 2010 में रिलीज हिट मलयालम फिल्म ‘पोकिरी राजा’ का हिंदी रिमेक ‘बॉस’ नाम से बनाया गया है.‘बॉस’ फिल्म का ‘बॉस’ यानी अक्षय कुमार यह बार बार कहते हैं कि ‘अपने को क्या है…अपने को सिर्फ पानी निकालना है….’ उनके इस डायलाग पर खूब तालियां बजती है.

फिल्म ऐसे लड़के (अक्षय कुमार) की कहानी है, जिसे उसके अहिंसावादी पिता (मिथुन चक्रवर्ती) ने गलत समझा और उसे घर से निकाल दिया. नतीजतन उसे किसी और (डैनी) ने पाला. बड़ा होकर लड़का ‘बॉस’ बना. सही-गलत काम का ठेका लेने लगा. लड़के का छोटा भाई (शिव पंडित) है, जिसे पिता ने खूब प्यार दिया.

फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है. एक वक्त ऐसा आता है जब पिता को भी बॉस’ की मदद लेनी पड़ी. यहां से ‘बॉस’ का पुलिस से पंगा शुरू हो गया. आखिर में बॉस की जीत हुई. भाई को प्यार मिला. पिता को अपनी गलती का एहसास हुआ.

एंथनी की कहानी पर कमजोर पकड़ साफ नजर आती है. कहानी को आगे बढ़ाने के लिए फ्लैश बैक का सहारा लेना और लंबे इंतजार के बाद बॉस, यानी अक्षय, का पर्दे पर नजर आना कुछ हजम नहीं होता. एक खास क्लास की तालियों की चाह में फिल्म में ऐसे संवादों को ठुंसा गया है, जिनके दो मतलब आसानी से निकाले जा सकते हैं. शिव पंडित और अदिती के किरदार इस फिल्म की कमजोर कड़ी हैं.

हां, एंथनी ने इस बार अक्षय के साथ कुछ ऐसे बेहतरीन ऐक्शन सीक्वेंस फिल्म में रखे हैं, जो देखते ही बनते है. दिल्ली, कुरुक्षेत्र की बेहतरीन लोकेशंस और फिल्म की फटॉग्रफी फिल्म की यूएसपी है.

अगर अक्षय के फैन हैं, तो अपसेट नहीं होंगे. बॉस को चालू मसालों से मालामाल ऐसी चाट कह सकते हैं, जो चटपटा खाना खाने वालों को पसंद आएगी. अगर आप कुछ नया तलाशने जा रहे हैं, तो यकीनन अपसेट होंगे.

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