II अनुप्रिया अनंत II
फिल्म : जज़्बा
कलाकार : ऐश्वर्या राय बच्चन, इरफान खान, शबाना आज़मी
निर्देशक : संजय गुप्ता
रेटिंग : 2.5 स्टार
फिल्मकार संजय गुप्ता जुर्म की दुनिया की कहानियाँ दिखाने में माहिर रहे हैं. उन्होंने इससे पहले जितनी भी फिल्में बनाई हैं वे पुरुष किरदारों को ध्यान में रख कर बनाई है. लेकिन इस बार चूँकि सामने ऐश्वर्या थी सो उन्होंने तय किया कि वे महिला प्रधान फिल्म बनाएंगे. उनकी फिल्में कोरियन फिल्मों से प्रभावित रही हैं और ‘जज़्बा’ भी कोरियन फिल्म सेवन डेज से प्रभावित है. शायद यही वजह है कि जिन्होंने भी ये फिल्में देखी है वह कांसेप्ट के आधार पर स्पष्ट होंगे कि इस फिल्म की मूलभूत कहानी क्या है.
ऐश्वर्या राय बच्चन फिल्म में एक वकील अनुराधा वर्मा का किरदार निभा रही हैं. इस फिल्म की चर्चा इस वजह से भी अधिक रही है क्यूंकि ऐश्वर्या पांच सालों के बाद फिर से बड़े परदे पर वापसी कर रही हैं और यही वजह है कि फिल्म में उन्हें सबसे अधिक महत्व दिया गया हैं. इरफ़ान खान भी फिल्म में अहम भूमिका में हैं. अनुराधा वर्मा क्रिमनल लॉयर हैं और उन्हें किसी भी तरह के केस लड़ने में कभी परेशानी नहीं होती. वह हमेशा पूरे आत्मविश्वास से केस लड़ती आई हैं और जीतती भी आई हैं.
लेकिन एक केस में खुद तब उलझ जाती हैं जब उन्हें एक बलात्कारी को बचाने और उनका केस लड़ने के लिए मजबूर किया जाता है. वजह होती है उनकी बेटी. ऐसे में अनुराधा चक्रव्यूह में फंसती जाती है. एक माँ और अपने पेशे में सामंजस्य बिठा पाने में एक माँ को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती है. इसी क्रम में अनुराधा को उसके दोस्त योहन का साथ मिलता है जो उन्हें पसंद तो करता है, लेकिन अपनी बात कह नहीं सकता. दोनों मिलकर अनुराधा की बेटी को वापस लाने की कोशिशों में जुट जाते हैं.
संजय गुप्ता ने प्लॉट काफी कमजोर चुना है, लेकिन उन्होंने कलाकारों का चयन इस कदर किया है कि उनकी वजह से फिल्म में दिलचस्पी बरक़रार रहती है. फिल्म की कहानी में पुराने दौर का मेलोड्रामा इस कदर उड़ेला गया है कि वह काफी उबाऊ लगने लगती है. फिल्म में चूँकि ऐश्वर्या के इर्द गिर्द कहानी बनी गई है सो उन्हें एक्शन, स्टंट करते लगातार परदे पर देखा जा सकता है. इरफ़ान की यह खूबी है कि वे जब भी परदे पर आते हैं उन्हें जो भी किरदार निभाने के मौके मिलते हैं वे उन्हें बखूबी निभा जाते हैं और दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं.
इस फिल्म में भी उन्होंने अपनी आँखों से शानदार अभिनय किया है. पर्दे पर वे जब भी संवाद बोलते नजर आते हैं उनकी बातें अखडती नहीं हैं. संजय ने फिल्म में चूँकि मुंबई के लोकेशन ही रखे हैं. खास बात यह है कि उसे अलग तरीके से फिल्माया है. शबाना आजमी ने छोटी लेकिन अहम भूमिका निभायी है और वे फिल्म के परफॉर्मेंस को काफी सपोर्ट भी करती हैं. ऐश्वर्या बेहतरीन अभिनेत्री हैं निस्संदेह. कई जगह वह अधिक लाऊड नजर आई हैं. कुछ दृश्यों में उन्होंने आकर्षित किया है.
उनकी फैन फॉलोविंग बहुत बड़ी है और उम्मीदन उनके लिए ऐश्वर्या के तरफ से यह तोहफा है. वे ऐश को फिल्म में कई रूपों में देखेंगे. फिल्म के कुछ संवादों के अलावा शेष संवाद सुने-सुने से लगते हैं और पहले भी फिल्मों में इस्तेमाल होते रहे हैं. लेखक उसपर भी काम करते तो अच्छा होता. फिल्म में गाने बेवजह ठूसे गए है जो अनुपयोगी लगे हैं.