मुंबई : अभिनेत्री-सांसद हेमा मालिनी देश में बढती असहिष्णुता की घटनाओं के विरोध में फिल्मकारों के अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने के पक्ष में नहीं हैं. बढती असहिष्णुता और साथ ही भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के संकट को देखते हुए पिछले महीने 12 फिल्मकारों ने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी.
भाजपा सांसद ने कहा, ‘ऐसा करना (राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाना) सही नहीं है. मुझे लगता है कि यह राजनीतिक रुप से प्रेरित मामला है. लोग राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए मर रहे हैं… यह एक राष्ट्रीय सम्मान है.’ राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों में दिबाकर बनर्जी, आनंद पटवर्धन, परेश कामदार और निष्ठा जैन शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘लोग मेरे पास आकर मुझसे कहते हैं कि क्या मैं राष्ट्रीय पुरस्कार पाने में उनकी मदद कर सकती हूं. और यहां ये लोग पुरस्कार लौटा रहे हैं.’ एफटीआईआई के छात्रो ने टेलीविजन अभिनेता एवं भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान को संस्थान के संचालन परिषद का प्रमुख नियुक्त करने के बाद 12 जून से अनिश्चितकालीन हडताल शुरु कर दिया था.
अनिल कपूर, विद्या बालन और अनुपम खेर जैसी फिल्मी हस्तियों ने भी पुरस्कार लौटाने को सही नहीं ठहराया है. यह पूछे जाने पर कि क्या एफटीआईआई विवाद का हल हो सकता है, हेमा मालिनी ने कहा, ‘हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे.’