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”प्रेम रतन धन पायो” : फिल्‍म देखने से पहले पढ़े रिव्‍यू

II अनुप्रिया अनंत II फिल्म : प्रेम रतन धन पायो कलाकार : सलमान खान, सोनम कपूर, स्वरा भाष्कर, दीपक डोबरियाल, नील नीतिन मुकेश, अरमान कोहली निर्देशक : सूरज बड़जात्या रेटिंग : 2.5 स्टार सलमान खान और सूरज बड़जात्या ने 16 साल के बाद एक साथ परदे पर वापसी की है.सूरज की फिल्मों की खासियत पारिवारिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2015 4:12 PM

II अनुप्रिया अनंत II

फिल्म : प्रेम रतन धन पायो

कलाकार : सलमान खान, सोनम कपूर, स्वरा भाष्कर, दीपक डोबरियाल, नील नीतिन मुकेश, अरमान कोहली

निर्देशक : सूरज बड़जात्या

रेटिंग : 2.5 स्टार

सलमान खान और सूरज बड़जात्या ने 16 साल के बाद एक साथ परदे पर वापसी की है.सूरज की फिल्मों की खासियत पारिवारिक मूल्य हैं. इस बार प्रेम रतन धन पायो की कहानी भी एक परिवार की कहानी पर ही आधारित है. एक रजवाड़ा परिवार है, जहां युवराज हैं और उनके छोटे भाई हैं. दो भाईयों में रंजिश हैं और दोनों एक दूसरे को देखना पसंद नहीं करते. इस परिवार में एक और परिवार है, उनके पिता की माशूका का परिवार, जिनकी दो बेटियां हैं.

राजा अब दुनिया में नहीं और युवराज के रूप में विजय सिंह अपने भाई के साथ रहता है. लेकिन विजय के छोटे भाई अजय की साजिशों में घिर कर घायल हो जाता है. और तभी विजय के हमशक्ल प्रेम दिलवाले का प्रवेश राजघराने में होता है. अनुपम खेर, जो कि फिल्म में दीवान का किरदार निभा रहे हैं. युवराज और राज घराने के हित के लिए प्रेम को युवराज बना देते हैं.

प्रेम जिसका दिल राजकुमारी मैथिली के लिए धड़कता है. उसे संयोगवश उसके साथ वक्त बिताने का मौका मिलता है. प्रेम की जिंदगी में आने से सबकी जिंदगियां बदलती हैं, क्योंकि प्रेम सिर्फ प्यार बांटता है. वह अपनी बहनों की मर्जी भी बिना सोचे पूरी कर देता है. चूंकि उसका मानना है कि जमीन जायदाद और संपत्ति से अधिक परिवार का प्रेम ही सबसे बड़ा धन है. सूरज बड़जात्या पारिवारिक फिल्में बनाने में माहिर रहे हैं और उन्हें इस बार अपने प्रिय हीरो का भी साथ मिला.

लेकिन अफसोस फिल्म उस कदर कनेक्ट नहीं कर पाती, जितनी सूरज की पिछली फिल्मों ने किया है. शायद इस बार निर्देशक ने सलमान की अब लार्जर देन लाइफ व वर्तमान में बनी उनकी छवि को खुद की सोच पर हावी होने का मौका दे दिया है. इस वजह से सूरज की अपनी सोच फिल्म में खास उभर कर नजर नहीं आयी है. सूरज जिस परिवार की बात कर रहे हैं, माना कि वह रजवाड़े परिवार की कहानी है, लेकिन किसी भी भाई बहन में भावनात्मक कनेक्ट की वजह के साथ न्याय नहीं कर पाये हैं.

फिल्म में प्रेम के रूप में सलमान छाये रहे हैं. उनकी जोड़ी सोनम कपूर के साथ बेहद जंची भी है. लेकिन फिल्म में भावनात्मक जुड़ाव संभव नहीं हो पाया है. शायद इसकी बड़ी वजह यह भी है कि फिल्म में बेवजह के गाने ठूसे गये हैं. 15 -15 मिनट के अंतराल पर गाने फिल्म का प्रभाव और कम कर रहे हैं. फिल्म में कुछ नयापन नजर नहीं आया है. 16 सालों के बाद जब एक हिट जोड़ी परदे पर आती है, तो जाहिर है दर्शकों को उम्मीद अधिक होगी. लेकिन फिल्म में कहानी पर खास काम नहीं किया गया है. और इस वजह से कहानी खास नहीं लुभाती है.

सलमान खान का नेक दिल व्यवहार वाले हमने कई किरदार पहले भी देखे हैं. इस बार भी वह प्रेम के रूप में हमारे सामने हैं. सोनम कपूर ने अपने हिस्से का किरदार बखूबी निभाया है. निर्देशक ने उन्हें राजकुमारी के रूप में बेहतरीन ढंग से फिल्माया है. नील नीतिन के लिए फिल्म में अधिक विकल्प नहीं छोड़े गये हैं. स्वरा भाष्कर व सलमान के बीच भाई बहन वाले प्रेम संबंध को और सुदृढ़ता से दिखाया जाता तो शायद फिल्म और अधिक मजबूत होती. दीपक डोबरियाल के लिए भी सीमित दृश्य थे. लेकिन उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया है.

अरमान कोहली विलेन के रूप में सामान्य नजर आये हैं. अनुपम खेर ने सीमित लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. सूरज ने पहली बार अपनी फिल्म में तलवार, दुश्मनी, थोड़े एक् शन का सहारा लिया है. वरना, हम साथ साथ हैं में भी भाई भाई की कहानी दिखाई गयी थी. इस बार भी वे इसे लेकर आगे बढ़े हैं. फिल्म दीवाली के मौके पर रिलीज हुई है और सलमान के फैन लंबे अरसे से इस फिल्म का इंतजार कर रहे थे. संभवत: फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करे. लेकिन इस जोड़ी से कहानी के स्तर पर निश्चय ही अधिक उम्मीद थी.

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