जानें पद्म विभूषण मिलने के बाद क्‍या बोले ”ट्रैजेडी किंग” दिलीप कुमार

मुंबई : मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार ने पद्म विभूषण सम्मान मिलने पर अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक बेहद भावुक क्षण था. पद्म विभूषण देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 93 वर्षीय अभिनेता को उनके उपनगरीय बांद्रा स्थित घर पर यह सम्मान दिया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2015 4:08 PM

मुंबई : मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार ने पद्म विभूषण सम्मान मिलने पर अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक बेहद भावुक क्षण था. पद्म विभूषण देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 93 वर्षीय अभिनेता को उनके उपनगरीय बांद्रा स्थित घर पर यह सम्मान दिया. इस खास मौके पर दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो भी मौजूद थी.

दिलीप कुमार ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं गृह मंत्री के इस कदम से अभिभूत हूं…वह खासतौर पर मुझे यह सम्मान देने मुंबई आए. वह भावुक क्षण था…जब पुरस्कार मैंन हाथ में लिया…. मेरा परिवार कितना खुश और गौरवान्वित हैं. वास्तव में यह अल्लाह की कृपा और आर्शीवाद.’ गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले 25 जनवरी 2015 को सरकार ने प्रतिष्ठित पद्म विभूषण विजेताओं के नामों का एलान किया था जिसमें मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन समेत कई अन्यों के नाम शुमार थे.

राष्ट्रपति भवन में अपे्रल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में दिलीप कुमार खराब स्वास्थ्य के चलते शिकरत नहीं कर पाए थे. इस विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सभी पद्म विजेताओं को स्वयं सम्मानित किया था.

दिलीप कुमार ने लिखा, ‘मैं खराब स्वास्थ्य के चलते दिल्ली जाकर राष्ट्रपति के हाथ से यह सम्मान नहीं ले पाया था. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विद्यासागर जी भी मुझे शुभकामनाएं देने आए.’ मुहम्मद यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार का जन्म पेशावर में हुआ था. 1944 में आई फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से उन्होंने बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा था. इसका निर्माण बाम्बे टाकीज ने किया था.

दिलीप साहब ने लगभग छह दशकों से अधिक समय तक बॉलीवुड पर राज किया. इस दौरान उन्होंने कई तरह की फिल्में कीं और विभिन्न किरदार निभाए. रोमांटिक फिल्म ‘अंदाज'(1949), साहसिक एवं रोमांचक फिल्म ‘आन'(1952), नाटकीय प्रेमकथा ‘देवदास’ (1955), कॉमेडी फिल्म ‘आजाद’ (1955), ऐतिहासिक प्रेम गाथा ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) और सामाजिक श्रेणी की फिल्म ‘ गंगा जमुना’ (1960) उनकी मशहूर फिल्मों में से हैं.

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