मुंबई : हिंदी सिने जगत के कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक ‘झुमका गिरा रे’ में अपने रूप का जादू जगाने वाली हिंदी सिनेमा के 1960 एवं 70 के दशक की चुलबुली और खूबसूरत अदाकारा साधना आज भले ही इस दुनिया में न हों, लेकिन अभिनय की उनकी बहुमुखी प्रतिभा, सुंदरता तथा अनोखा हेयरस्टाइल शायद ही कभी लोगों के जेहन से उतरे.
साधना का आज 74 साल की उम्र में यहां सांताकू्रज स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं. अभिनेत्री के तौर पर उनका करियर करीब 15 वर्षों तक शानदार ढंग से चला. अपने करियर में उन्होंने उस जमाने के सबसे लोकप्रिय देव आनंद, जॉय मुखर्जी, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और मनोज कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया.
यादगार फिल्मों में ‘हम दोनों’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘असली-नकली’, ‘मेरे महबूब’ और ‘वो कौन थी’, ‘गीता मेरा नाम’, ‘एक फूल दो माली’, ‘इंतकाम’, ‘आरजू’, ‘मेरा साया’ और ‘मिस्टरी गर्ल’ भी शामिल हैं. फिल्म ‘लव इन शिमला’ के सेट पर निर्देशक राम कृष्ण नैयर और साधना के बीच प्रेम संबंध बने तथा 1966 में दोनों ने शादी कर ली. नैयर का 1995 में निधन हो गया था.
ब्रिटिश शासन वाले भारत के कराची में एक सिंधी परिवार में जन्मी साधना का नाम उसके पिता की पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा गया था. उनके पिता और अभिनेता हरि शिवदसानी भाई थे. हरि की बेटी अभिनेत्री बबिता कपूर हैं.