हिट एंड रन मामला:सलमान के खिलाफ फिर होगी सुनवाई

मुंबई : मुंबई की एक सत्र अदालत ने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को राहत देते हुए उनके खिलाफ हिट एंड रन मामले की फिर से सुनवाई करने का आज आदेश दिया.सत्र अदालत ने इस आधार पर मामले की सुनवाई फिर से का आदेश दिया कि अभिनेता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप के संबंध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2013 3:01 PM

मुंबई : मुंबई की एक सत्र अदालत ने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को राहत देते हुए उनके खिलाफ हिट एंड रन मामले की फिर से सुनवाई करने का आज आदेश दिया.सत्र अदालत ने इस आधार पर मामले की सुनवाई फिर से का आदेश दिया कि अभिनेता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप के संबंध में गवाहों से पूछताछ नहीं की गई थी. न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे ने मामले की फिर से सुनवाई के लिये सलमान की याचिका पर यह आदेश दिया.

उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई फिर से की जाएगी क्योंकि गैर इरादतन हत्या के आरोप में अभिनेता को गवाहों से जिरह करने का मौका नहीं दिया गया. यह आरोप सिद्ध होने पर 10 वर्ष कारावास की सजा हो सकती है. न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में सुनवाई चलते हुए पहले ही काफी समय हो चुका है इसलिए अब इसकी सुनवाई त्वरित अदालत में होनी चाहिए और इस दौरान सभी गवाहों से फिर से पूछताछ और जिरह की जाए.

उन्होंने अभियोजन और बचाव पक्षों को अपने गवाहों की सूची दाखिल करने के लिए 23 दिसंबर की तारीख तय की. इसके बाद ही मुकदमे की नये सिरे से सुनवाई के लिये तारीख निर्धारित की जायेगी. इससे पहले खान के मामले की सुनवाई मजिस्ट्रेट अदालत में हुई थी, जिसने घटना के 10 साल बाद कहा था कि अभिनेता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है. उस समय कम गंभीर अपराध-लापरवाही के कारण मौत-के सिलसिले में उसके खिलाफ सुनवाई चल रही थी. चूंकि गैर इरादतन हत्या के मामले में सुनवाई सत्र अदालत में होती है, मजिस्ट्रेट ने मामला वहां भेज दिया.

सत्र अदालत ने खान के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोप तय किए. अगर यह आरोप साबित हो जाता है तो अभिनेता को 10 साल तक की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है. तेज और लापरवाही से कार चलाने के मामले में उसे दो साल की सजा काटनी पड़ती. खान ने मामले की फिर से सुनवाई के लिए सत्र अदालत में याचिका दायर की थी क्योंकि उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में गैर इरादतन हत्या के नए आरोपों के परिप्रेक्ष्य में गवाहों से जिरह करने का अवसर नहीं दिया गया था.

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