…लेकिन फिल्‍मों से समाज को बदलते मैंने नहीं देखा : प्रकाश झा

भोपाल : समाज के ज्वलंत मुद्दों पर फिल्म बनाने वाले मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने कहा कि फिल्में समाज से बनती हैं लेकिन फिल्मों से समाज में बदलाव होते उन्होंने नहीं देखा है. अभिनेत्री प्रियंका चोपडा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म जय गंगाजल की कहानी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 10:14 AM

भोपाल : समाज के ज्वलंत मुद्दों पर फिल्म बनाने वाले मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने कहा कि फिल्में समाज से बनती हैं लेकिन फिल्मों से समाज में बदलाव होते उन्होंने नहीं देखा है. अभिनेत्री प्रियंका चोपडा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म जय गंगाजल की कहानी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है तथा समाज को महिला शक्ति का अहसास हो रहा है.

आगामी 4 मार्च को पर्दे पर आनेवाली अपनी नयी फिल्म ‘जय गंगाजल’ के प्रचार-प्रसार के लिये यहां आये झा ने कहा, ‘फिल्मों की कहानियां समाज से ही ली जाती हैं. फिल्मों की समाज में चर्चा तो होती है लेकिन फिल्मों की वजह से समाज में बदलाव होते मैंने नहीं देखा है.’

भोपाल और मप्र में जय गंगाजल सहित अपनी 7 फिल्में शूट करने के सवाल पर फिल्म निर्देशक ने कहा, ‘मुझे फिल्म बनाने में यहां सहूलियत और सलाहियत मिलती है, वह कहीं नहीं मिलती है. यहां के लोग काफी सहयोगी हैं. यहां मेरी 7 फिल्मों की शूटिंग के दौरान कभी 7 मिनट की भी देरी नहीं हुई. भोपाल में होने पर मुझे अपने गृह राज्य बिहार की कमी नहीं लगती है.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि अब फिल्म और टीवी निर्माण के बडे-बडे प्रोडक्शन हाउस यहां आ रहे हैं.’ असहिष्णुता के मुद्दे पर झा ने कहा, ‘मुझे कभी असहिष्णुता महसूस नहीं हुई है और न ही मैंने कोई अवार्ड लौटाने के बारे में सोचा है.’ जय गंगाजल फिल्म को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी और उनके बीच चली खींचतान पर उन्होंने कहा कि पद पर आने के साथ ही वह चीजों को एकदम से सुधार देना चाहते हैं.

उन्हें (निहलानी) इस फिल्म में उपयोग किये गये ‘साला’ और ‘घंटा’ शब्द से आपत्ति थी, जबकि इससे पहले कई फिल्मों में इन शब्दों का काफी प्रयोग हुआ है. वह इस फिल्म को 11 कट करना चाहते थे और फिल्म को ए प्रमाणपत्र दे रहे थे. लेकिन हमें यह मंजूर नहीं था और हम ट्रिब्यूनल में गये और वहां से फिल्म को पास कर दिया गया.

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले पर फिल्म बनाने का उनका कोई विचार नहीं है. उन्होंने कहा ‘मैंने इस विषय पर कोई रिसर्च नहीं किया है.’

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