Happy B”Day: आर्थिक संकट के कारण फिल्मों में आई थी वहीदा रहमान, जानें 10 बातें…
अपनी खूबसूरती और हाव-भाव से दर्शकों का दिल धड़काने वाली जानीमानी अभिनेत्री वहीदा रहमान आज अपना 78वां जन्मदिवस मना रही हैं. उनका जन्म 3 फरवरी 1938 को विजयवाड़ा के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था. अपने सिने करियर के दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक कई हिट फिल्में दी थी. अपनी एक्टिंग के साथ-साथ […]
अपनी खूबसूरती और हाव-भाव से दर्शकों का दिल धड़काने वाली जानीमानी अभिनेत्री वहीदा रहमान आज अपना 78वां जन्मदिवस मना रही हैं. उनका जन्म 3 फरवरी 1938 को विजयवाड़ा के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था. अपने सिने करियर के दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक कई हिट फिल्में दी थी. अपनी एक्टिंग के साथ-साथ उन्होंने अपने क्लासिकल नृत्य से दर्शकों को हैरान किया. जानें उनके बारे में 10 दिलचस्प बातें…
1. बचपन से ही अभिनय और नृत्य में दिलचस्पी रखने वाली अभिनेत्री वहीदा रहमान असल जिदंगी में डॉक्टर बनना चाहती थीं. उनके नृत्य के शौक को उनके माता-पिता ने भी सराहा और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
2. माता-पिता के सहयोग से वहीदा भरतनाट्यम नृत्य में निपुण हो गई. इसके बाद उन्होंने कई मंचों पर प्रस्तुतियां दी. उन्हें नृत्य के कई प्रस्ताव मिले लेकिन उनकी उम्र छोटी होने के कारण अभिभावकों ने इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया.
3. पिता के निधन के बाद आर्थिक संकट के चलते वहीदा ने फिल्म इंडस्ट्री की ओर रुख किया. उन्हें वर्ष 1955 में दो तेलुगू फिल्मों में काम करने का मौका मिला.
4. इसके बाद हिंदी सिनेमा के निर्माता-निर्देशक और अभिनेता गुरुदत्त ने उनका स्क्रीन टेस्ट लिया और उन्हें वर्ष 1956 में फिल्म ‘सीआईडी’ में काम करने को मौका मिला. इसमें उन्होंने खलनायिका का किरदार निभाया था जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया.
5. ‘सीआईडी’ से कामयाबी मिलने के बाद वहीदा को बतौर नायिका वर्ष 1957 की फिल्म ‘प्यासा’ में काम करने को मौका मिला. फिल्म में उन्होंने गुलाबो नामक वेश्या का किरदार निभाया था. उनका सिक्का फिर चल निकला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
6. वहीदा रहमान और गुरुदत्त के प्रेम के किस्से भी चर्चा में रहे. दोनों ने एकसाथ वर्ष 1959 में ‘कागज के फूल’, वर्ष 1960 में ‘चौदहवी का चांद’ और वर्ष 1962 में ‘साहिब बीवी और गुलाम’ में साथ काम किया था. ‘कागज के फूल’ दोनों की असफल प्रेमकहानी और दोनों की जीवन पर आधारित थी.
7. 10 अक्टूबर, 1964 को गुरुदत्त ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी इसके बाद वहीदा अकेली रह गई लेकिन उन्होंने अभिनय से मुंह नहीं मोड़ा. इसके बाद वर्ष 1965 में उन्होंने देवानंद के साथ फिल्म ‘गाइड’ में काम किया. फिल्म में दोनों के अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीदा को इस फिल्म के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड का पुरस्कार मिला.
8. वर्ष 1968 में फिल्म ‘नीलकमल’ से एकबार फिर वहीदा का सितारा चमका और उनका करियर आसमान की ऊंचाइयां छूने लगा. वर्ष 1974 में उनके साथ काम करनेवाले अभिनेता कमलजीत ने वहीदा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया और उनसे शादी कर ली.
9. वर्ष 2000 में पति की आकस्मिक मृत्यु से गहरा धक्का लगा. लेकिन खुद को संभालने के बाद वहीदा ने दोबारा फिल्मों की ओर रुख किया और ‘रंग दे बसंती’, ‘दिल्ली 6’, ‘ओम जय जगदीश’ और ‘मैंने गांध को नहीं मारा’ जैसी कई फिल्मों में काम किया.
10. इंडस्ट्री में उत्कृष्ठ योगदान देने के लिए वहीदा को वर्ष 1972 में पद्मश्री और वर्ष 2011 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें फिल्म ‘नीलकमल’ के लिए भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था.