90 साल के हुए संगीतकार खय्याम, 12 करोड़ की संपत्ति दान में दी
मुंबई : चार दशकों तक हिन्दी सिनेमा में राज करने वाले संगीतकार खय्याम ने अपने 90वें जन्मदिन पर 12 करोड़ संपत्ति दान करने की घोषणा कर दी. खय्याम और उनकी पत्नी जगजीत कौर ने एक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है. यह ट्रस्ट जरूरतमंद और उभरते संगीतकारों को मदद करेगा. इस ट्रस्ट का नाम "खय्याम […]
मुंबई : चार दशकों तक हिन्दी सिनेमा में राज करने वाले संगीतकार खय्याम ने अपने 90वें जन्मदिन पर 12 करोड़ संपत्ति दान करने की घोषणा कर दी. खय्याम और उनकी पत्नी जगजीत कौर ने एक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है. यह ट्रस्ट जरूरतमंद और उभरते संगीतकारों को मदद करेगा.
इस ट्रस्ट का नाम "खय्याम प्रदीप जगजीत चैरिटेबल ट्रस्ट" होगा. इस ट्रस्ट का मुख्य ट्रस्टी तलत अजीज और उनकी पत्नी होंगी. संगीत के बेताज बादशाह खय्याम एक्टर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें संगीतकार बना दिया. जलांधर में पैदा हुए खय्याम संगीत सीखने के लिए दिल्ली आये थे. दिल्ली में ही उन्हें फिल्म देखने का चस्का लगा. अपने चाचा के घर से भागकर अकसर वो फिल्में देखने जाया करते थे. दिल्ली में उन्होंने पंडित अमरनाथ से संगीत की शिक्षा ली.
खय्याम मन में एक्टिंग का शौक पाले लाहौर चले गये. यहीं उनकी मुलाकात म्यूजिक निर्देशक बाबा चिश्ती से मिले. लाहौर में बाबा चिश्ती से म्यूजिक की बारीकी सीखी, फिर वो मायानगरी मुंबईपहुंचे. मुंबईमें वो अपने करियर की शुरुआत फिल्म हीर-रांझा से की. खय्याम की पहली हिट फिल्म "अकेले में वो घबराते तो होंगे". यह गाना बेहद हिट हुई .उनके गाये गानों में " आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा" "दिखाई दिये बेखुदी के आग में " "ये क्या जगह है दोस्त" व " दिल क्या चीज है जैसे सुपरहिट गाने शामिल है. "