मुबंई: उच्चतम न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को 2002 के हिट एंड रन मामले में बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर बॉलीवुड अभिनेता को नोटिस जारी किया है. 13 साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाते हुए बंबई हाईकोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था.
सलमान के बरी होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में विशेष पुनरीक्षण याचिका (एसएलपी) दायर कर बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. बंबई हाईकोर्ट ने सलमान खान को सेशन कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से राहत प्रदान करते हुए 10 दिसंबर 2015 को सभी आरोपों से बरी कर दिया था.
हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सलमान के खिलाफ जो सबूत पेश किए गए और गवाह की पलटती बयानबाजी को आधार मानकर बरी कर दिया गया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने पुलिस द्वारा जमा किए हुए सबूतों को नाकाफी मानते हुए कहा था कि पुलिस यह साबित करने में नाकाम रही है कि जो आरोप सलमान पर लगाए जा रहे हैं वह सही हैं.
सलमान पर आरोप था कि उन्होंने 28 सितंबर वर्ष 2002 को अपनी कार बांद्रा के एक बेकरी में घुसा दी थी. जिसके कारण पटरी पर सो रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गये थे.