…और आतंकी ने नीरजा पर तान दी थी बंदूक, जानें 10 दिलचस्प बातें
अपनी जान गवांकर बहादुरी से 359 लोगों की जान बचाने वाली एयर होस्टेस नीरजा भनोट को भला कौन भूल सकता है. वर्ष 1986 में एक प्लेन के कराची एयरपोर्ट से हाईजैक हो जाने के बाद नीरजा ने आतंकवादियों से लड़ते हुए 359 लोगों की जान बचाई थी. इसी घटना पर आधारित फिल्म ‘नीरजा’ सिनेमाघरों में […]
अपनी जान गवांकर बहादुरी से 359 लोगों की जान बचाने वाली एयर होस्टेस नीरजा भनोट को भला कौन भूल सकता है. वर्ष 1986 में एक प्लेन के कराची एयरपोर्ट से हाईजैक हो जाने के बाद नीरजा ने आतंकवादियों से लड़ते हुए 359 लोगों की जान बचाई थी. इसी घटना पर आधारित फिल्म ‘नीरजा’ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी हैं. नीरजा का किरदार अभिनेत्री सोनम कपूर निभा रही हैं. जानें उनके बारे में 10 दिलचस्प बातें…
1. नीरजा का जन्म 7 सितम्बर 1964 को चंडीगढ़ में हुआ था. उनके माता-पिता उन्हें प्यार से ‘लाडो’ कहकर बुलाते थे.
2. उनके पिता का नाम हरीश भनोट और माँ का नाम रमा भनोट था. नीरजा को बचपन से ही प्लेन में बैठने और आकाश में उड़ने की इच्छा थी.
3. एयरहोस्टेस बनने से पहले नीरजा ने बिनाका टूथपेस्ट, विको टरमरिक क्रीम, वैपरेक्स और गोदरेज बेस्ट डिटरजेंट के विज्ञापन में भी नजर आ चुकीं थीं.
4. वर्ष 1985 में नीरजा की शादी हो गई थी लेकिन दहेज के दबाव के कारण उनके रिश्तों में खटास आ गई और वे शादी के दो महीने बाद ही मुबंई लौट आई थी.
5. 1986 में नीरजा की इच्छा पूरी हुई और उन्होंने एयर लाइन्स पैन एम ज्वाइन की. नीरजा ने बतौर एयरहोस्टेस पैन एम एयर लाइन्स ज्वाइन की.
6. 5 सितंबर 1986 का दिन उनके लिए इस दुनियां का आखिरी दिन था. इसी दिन को उनके बलिदान के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. उनकी यह बहादुरी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई.
7. जिस दिन यह हादसा हुआ उस दिन नीरजा विमान में सीनियर पर्सर के तौर पर तैनात थीं. मुंबई से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए पैम एम को कराची में ही चार आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था.
8. लगभग 17 घंटे बाद आतंकियों ने विमान में सवार लोगों पर हाथ उठाना शुरू कर दिया. ऐसे में नीरजा ने हिम्मत दिखाते हुए विमान का इमरजेंसी द्वार खोल दिया. नीरजा चाहतीं तो वे सबसे पहले इमरजेंसी द्वार से निकल सकती थीं लेकिन उन्होंने यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने का फैसला किया.
9. जब वो तीन बच्चों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही थी उसी समय एक आतंकी ने उनपर बंदूक तान दी और वे शहीद हो गईं.
10. नीरजा के बलिदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक चक्र प्रदान किया वहीं पाकिस्तान की सरकार ने भी नीरजा को तमगा-ए-इन्सानियत प्रदान किया.