14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संजय दत्त की रिहाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दायर

मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की यरवदा जेल से रिहाई से एक दिन पहले बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर सजा में कमी के आधार उन्हें तय समय से पहले रिहा किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि संजय को फायदा पहुंचाया […]

मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की यरवदा जेल से रिहाई से एक दिन पहले बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर सजा में कमी के आधार उन्हें तय समय से पहले रिहा किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि संजय को फायदा पहुंचाया जा रहा है.

समाजसेवी प्रदीप भालेकर की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह संजय की सजा में कमी के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को रद्द कर दे और अभिनेता को फिर से हिरासत में लिए जाने के आदेश दे ताकि वह उच्चतम न्यायालय की ओर से सुनाई गई अपनी पांच साल की सजा की पूरी अवधि जेल में बिताएं.

सजा में कमी के फैसले के बाद संजय कल पुणे के यरवदा जेल से रिहा होने वाले हैं. महाराष्ट्र गृह विभाग के मुताबिक, अच्छे व्यवहार के आधार पर उनकी सजा में कमी की गई है.

याचिकाकर्ता के वकील नितिन सत्पुते ने कहा, ‘संजय दत्त की सजा में की गई कमी गलत और गैर-कानूनी है. वह कौन सा अच्छा व्यवहार और आचार-विचार है जिसे उनकी सजा में कमी का आधार बनाया गया है ? मामूली अपराधों के अन्य दोषियों का क्या होगा जो सालों से जेल में सड रहे हैं. उन्होंने भी सजा में कमी की अर्जियां दाखिल कर रखी हैं, लेकिन उन पर कोई उचित आदेश नहीं दिया गया.’

सत्पुते ने कहा कि वह कल किसी उचित पीठ के समक्ष जनहित याचिका का जिक्र कर उस पर जल्द सुनवाई का अनुरोध करेंेगे. संजय ने मई 2013 में उस वक्त आत्मसमर्पण किया था जब उच्चतम न्यायालय ने 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामलेे में हथियार रखने के जुर्म में सत्र अदालत की ओर से उन्हें सुनाई गई सजा बरकरार रखी थी. संजय अपनी कुल सजा पूरी होने से करीब 103 दिन पहले कल रिहा होंगे.

मामले की जांच और मुकदमे की सुनवाई के दौरान वह 18 महीने बिता चुके थे. 31 जुलाई 2007 को मुंबई की टाडा अदालत ने उन्हें शस्त्र कानून के तहत छह साल सश्रम कारावास और 25,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. साल 2013 में उच्चतम न्यायालय ने सत्र अदालत के फैसले को बरकरार रखा था लेकिन सजा की अवधि छह साल से घटाकर पांच साल कर दी थी.

इसके बाद उन्होंने अपनी बाकी सजा काटने के लिए आत्मसमर्पण किया था. संजय की कैद के दौरान उन्हें दिसंबर 2013 में 90 दिन और फिर बाद में 30 दिन का परोल मिला था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें