बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त आज ही यरवदा जेल से रिहा हुए हैं. दत्त ने बाहर आकर धरती को चूमा और तिरंगे को सलाम किया. मुंबई आने के बाद वे सबसे पहले सिद्धिविनायक मंदिर गये. इसके बाद वे अपनी मां नरगिस दत्त को श्रद्धाजंलि देने बड़ा कब्रिस्तान गये. घर पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से बातें की और कहा कि मैं आतंकी नहीं हूं, सिर्फ आर्म्स एक्ट मामले में सजा काटकर आया हूं.
उन्होंने आगे कहा कि,’ मैं हिंदुस्तान की धरती को प्यार करता हूं. यहीं पैदा हुआ और यहीं मरुंगा. मुझे भारतीय होने पर गर्व है. आज मुझे पिताजी (सुनील दत्त) की बहुत याद आ रही है, अगर वे आज जिंदा होते तो बेहद खुश होते.’ उन्होंने पत्नी मान्यता की तारीफ करते हुए कहा,’ मैं जब भी निराश हुआ उन्होंने (मान्यता) मुझे हौसला दिया. मैं जेल में बंद था इस दौरान उन्होंने दोनों बच्चों को संभाला और कई अहम फैसले भी लिये.’
Mai jab jail se bahaar aaya, maine dharti choomi. Aur tirange ko salute kiya-Sanjay Dutt pic.twitter.com/H1I9wiRTW6
— ANI (@ANI) February 25, 2016
Mumbai: Sanjay Dutt with his family outside his residence pic.twitter.com/2Qd7WSN4ej
— ANI (@ANI) February 25, 2016
जब उनसे पूछा गया कि मां को श्रद्धांजलि देते वक्त उनके मन में क्या चल रहा था? तो जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि,’ मेरी मां का निधन कैंसर की वजह से हो गया था और वे बचपन में ही हमें को छोड़कर चली गई थी. मेरा फर्ज था कि मैं उन्हें जाकर कहूं मैं आजाद हो गया.’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि वो हमेशा के लिए बाहर आ गये हैं, लग रहा है कि पेरोल पर बाहर आ गये हैं.
उन्होंने हंसते हुए कहा कि,’ मैंने जेल में जो पैसे कमाये वो 440 रुपये एक अच्छे पति की तरह पत्नी को लाकर दिये. मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहता हूं. मेरी कोशिश रहेगी कि मेरी फैमिली अब दोबारा वो सबकुछ न झेले जो उन्होंने अभी तक झेला है.’
I gave the money earned Rs. 440 in the jail to my wife, as a good husband-Sanjay Dutt pic.twitter.com/Jli5Hulsc1
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अंत में उन्होंने कहा कि,’ मैं आतंकवादी नहीं हूं. मैं सिर्फ आर्म्स एक्ट में दोषी पाया गया हूं. मुझे टाडा कोर्ट से भी बाईज्जत बरी कर दिया गया था.’ उन्होंने मीडिया कर्मियों से भी यह निवेदन किया कि जब भी वे मेरे बारे में चर्चा करें तो आर्म्स एक्ट को दोषी कहें आतंकवादी नहीं.