नयी दिल्ली : अभिनेता संजय दत्त भले ही जेल से बाहर आ गए हों लेकिन वह अभी भी पूरी तरह से आजाद महसूस नहीं कर रहे हैं. 25 फरवरी को जेल से बाहर आने के बाद वह परिवार के साथ रह रहे हैं लेकिन शुक्रवार को उन्होंने अपनी रिहाई के बारे में कहा कि अभी आजाद होने का अहसास उनके भीतर पूरी तरह पैदा नहीं हुआ.
पुणे की यरवदा जेल से 42 महीने की सजा काटकर बाहर आए 56 वर्षीय अभिनेता को 1993 के मुंबई बम धमाकों से जुडे ममले में दोषी ठहराया गया था। वह 25 फरवरी को जेल से बाहर निकले. उन्होंने कहा, ‘‘मैं एकांतवास में था. मुझे आजाद महसूस होने में थोडा लंबा समय लगेगा. आजादी की भावना अभी आनी बाकी है. मैं 23 वर्षों तक जेल के अंदर और बाहर रहा हूं। कई सारी बाधाएं थी, अनुमति लेनी पडती थी. मैं एक आजाद इंसान जैसे जीने की आदत डाल रहा हूं.’
दत्त ने इंडिया टुडे कांक्लेव में कहा कि जेल में रहने के दौरान उनकी विशेष देखभाल नहीं हुई और उनको वही खाना और कपडे मिलते थे जो दूसरे कैदियों को मिलते थे. उन्होंने कहा कि उनके पिता सुनील दत्त को उनमें भरोसा था और निधन से पहले सुनील दत्त ने कहा था कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.