II अनुप्रिया अनंत II
फिल्म : रॉकी हैंडसम
कलाकार : जॉन अब्राह्म, श्रुति हसन, निशिकांत कामत, बेबी दिया
निर्देशक : निशिकांत कामत
रेटिंग : 2 स्टार
जॉन अब्राह्म को उनके फैन्स उनके एक्शन के लिए पसंद करते हैं और उन्हें पूरी उम्मीद होती है कि जब जॉन की फिल्म देख रहे हों तो वह फिल्म एक्शन से भरपूर हो. ‘रॉकी हैंडसम’ के ट्रेलर से भी यही उम्मीदें जग रही थीं. लेकिन अफसोस कि फिल्म उस कसौटी पर खरी नहीं उतरती. जॉन ने इस फिल्म में एक्शन पर ही इतना ध्यान दे दिया है कि उनका ध्यान किसी अन्य पहलू पर गया ही नहीं है.
फिल्म शुरुआत से ही उबाऊ लगती है. निर्देशक ने वही पुराना ढर्रा इख्तियार किया है. गोवा और ड्रग माफिया. हिंदी फिल्मों में पहले भी इसी विषय पर फिल्म बनती रही है. इस बार अंतर यह है कि फिल्म में लगातार जॉन एक् शन करते नजर आते हैं. या यूं कहें तो फिल्म में सिर्फ और सिर्फ जॉन ही एक् शन करते नजर आये हैं. फिल्म पर कोरियन फिल्मों की छवि साफ झलकती है. जो भारतीय दर्शक कोरियन फिल्मों के अंदाज से वाकिफ नहीं हैं.
उन्हें इस फिल्म में हद से अधिक अहिंसा नजर आ सकती है. दर्शकों को बता दें कि यह कोरियन फिल्म द मैन फॉर नाउवेयर की हिंदी रीमेक है. फिल्म की कहानी में काफी कंफ्यूजन हैं. किरदार स्पष्ट नहीं हैं. खलनायकों को भी बेवजह गढ़ने की कोशिश की गयी है. गैंगस्टर और नायक में क्यों कहानी उलझ रही है. यह भी पता नहीं चलता. फिल्म में नयापन लाने के लिए बच्चों को ड्रग की तस्करी करते हुए दिखाया गया है. शेष फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है. फिल्म की कहानी नायोमी नाम की छोटी बच्ची जो कि रॉकी हैंडसम की पड़ोसी है, उससे शुरू होती है.
नायोमी की मां ड्रग एडिक्ट है और उसकी वजह से नायोमी की किडनैपिंग होती है. हैंडसम यानी रॉकी खुद अपनी जिंदगी से दुखी है. वह अपनी पत्नी को खो चुका है. कार दुर्घटना में. लेकिन पूरी फिल्म में यह स्पष्ट ही नहीं होता है कि आखिर वह वाकई दुर्घटना थी या फिर किसी वजह से कराई गयी थी. फिल्म में कहानी बेहद बोरिंग है. आखिर दर्शक सिर्फ एक्शन सीक्वेंसेस से कैसे मनोरंजित होंगे. जॉन की यही ताकत फिल्म की कमजोरी बन गयी है.
दरअसल कई दृश्यों में वे कहानी पर हावी नजर आये हैं और कई बार आप महसूस करने लगते हैं कि जॉन ने सिर्फ खुद के लिए फिल्म का निर्माण कर दिया है. फिल्म में निशिकांत कामत ने खलनायक की भूमिका निभाई है. शायद यही वजह है कि उनका ध्यान निर्देशन पर रहा ही नहीं है. फिल्म के दृश्य एक दूसरे से मेल नहीं खाते और काफी उलझ जाते हैं. बेबी दिया और जॉन के बीच के दृश्य काफी कम हैं.
शायद यही वजह है कि दोनों की केमेस्ट्री से दर्शक भावनात्मक जुड़ाव करने में असमर्थ होंगे. नायोमी का किरदार निभा रहीं बेबी दिया के संवाद बोलने का अंदाज यूं लग रहा था, जैसे वह रट्टे लगा कर संवाद याद करके आयी हों. जॉन के प्रशंसक निश्चित तौर पर उनकी इस फिल्म से निराश होंगे. फिल्म में गानों के साथ फिल्म की कहानी बढ़ाई गयी है. श्रुति हसन चंद दृश्यों में हैं.