राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा : बिग बी और कंगना का जलवा दिखा
नयी दिल्ली : आज दिल्ली में घोषित हुए 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई भाषाओं में बनी फिल्म ‘‘बाहुबली” ने जहां शीर्ष पुरस्कार अपने नाम किया वहीं शेष सभी प्रमुख वर्गों में हिंदी फिल्मों का बोलबाला रहा. अमिताभ बच्चन ने लगातार चौथी बार फिल्म ‘‘पीकू” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता, जबकि कंगना रनौत […]
नयी दिल्ली : आज दिल्ली में घोषित हुए 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई भाषाओं में बनी फिल्म ‘‘बाहुबली” ने जहां शीर्ष पुरस्कार अपने नाम किया वहीं शेष सभी प्रमुख वर्गों में हिंदी फिल्मों का बोलबाला रहा. अमिताभ बच्चन ने लगातार चौथी बार फिल्म ‘‘पीकू” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता, जबकि कंगना रनौत ने लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता.
बच्चन (73) का यह चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है. ‘‘पीकू” में सनकी पिता का किरदार निभाने के लिए उन्होंने यह पुरस्कार जीता, इससे पहले ‘‘अग्निपथ”,‘‘ब्लैक” और ‘‘पा” के लिए वह राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं.
पिछले हफ्ते ही 29 साल की हुई कंगना रनौत को रोमांटिक हास्य फिल्म ‘‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स” में मुश्किल में घिरी एक पत्नी (तनु) और हरियाणा की खिलाड़ी दत्तो की दोहरी भूमिका निभाने के लिए विजेता घोषित किया गया.
अभिनेत्री ने इसे अपना ‘‘जन्मदिन का सर्वश्रेष्ठ तोहफा” बताया और कहा कि यह पुरस्कार इसलिए भी खास है क्योंकि यह उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ दिया गया.
कंगना ने एक बयान में कहा, ‘‘यह मेरे लिए अब तक का जन्मदिन का सबसे बेहतरीन तोहफा है. मैं बहुत उत्साहित हूं और खुद को धन्य महसूस कर रही हूं, खास तौर पर इसलिए क्योंकि मेरे साथ ही श्री बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है.” कंगना ने तीसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार की ट्रॉफी अपने नाम की है. इससे पहले वह 2008 में आई ‘‘फैशन” के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और पिछले साल ‘‘क्वीन” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीत चुकी हैं.
रमेश सिप्पी की अध्यक्षता वाली 11 सदस्यीय ज्यूरी ने एसएस राजामौली की ‘‘बाहुबली” को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म घोषित किया, जबकि पिछले साल सबसे अधिक सराहना बटोर चुकी ‘‘मसान” इसके लिए संघर्ष करती दिखी और फिल्म के निर्देशक नीरज घेवान ने सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पुरस्कार जीता.
‘‘बाहुबली” के सितारे राना डुग्गुबट्टी ने कहा, ‘‘मैं बहुत उत्साहित हूं. हमने जोखिम लिया और कुछ अलग करने का प्रयास किया और अब इस पुरस्कार से हमलोग बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं.” रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपडा अभिनीत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली प्रेमकहानी ‘‘बाजीराव मस्तानी” के निर्देशक संजय लीला भंसाली सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार अपने नाम करने में कामयाब रहे, इसके अलावा फिल्म ने पांच पुरस्कार अपने नाम किए.
भंसाली ने बताया, ‘‘बतौर निर्देशक यह मेरा पहला राष्ट्रीय पुरस्कार है. यह मेरे लिए वाकई बहुत खास है. मेरी मां हमेशा से यह दुआ करती थी कि मैं यह पुरस्कार जीतूं और आखिरकार मुझे यह मिल ही गया.” निर्देशक ने बताया कि उनकी मां को जैसे ही उनकी इस जीत का पता चला वह खुशी से चिल्ला पडीं.
सलमान खान अभिनीत ‘‘बजरंगी भाईजान” को भरपूर मनोरंजन के लिए सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म घोषित किया गया.
फिल्म के निर्देशक कबीर खान ने ट्वीट किया, ‘‘आपके प्यार के लिए आप सभी का शुक्रिया. हमलोग वाकई बहुत खुश हैं कि ‘‘बजरंगी भाईजान” ने बतौर सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है.” वास्तविक जीवन से प्रेरित अपराध पृष्ठभूमि पर बनी विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘‘तलवार” ने सर्वश्रेष्ठ रुपांतरित पटकथा का पुरस्कार अपने नाम किया, जबकि सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा और संवाद का पुरस्कार जूही चतुर्वेदी (पीकू) और हिमांशु शर्मा (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स) ने साझा किया.
‘‘नानक शाह फकीर” ने राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार जीता, इसके अलावा फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम का पुरस्कार भी अपने नाम किया.
शोनाली बोस की फिल्म ‘‘मार्गरिटा विथ ए स्ट्रॉ” में सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से ग्रस्त लडकी का किरदार निभाने के लिए अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने विशेष ज्यूरी सम्मान हासिल किया.
‘‘बाजीराव मस्तानी” में एक धूर्त मां का किरदार निभाने के लिए तन्वी आजमी ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता जबकि ‘‘पिंगा” और ‘‘दीवानी मस्तानी” जैसे दो हिट गानों में कोरियाग्राफी के लिए रेमो डीसूजा ने अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली इस फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी ‘ने मुख्यत: तकनीक वर्ग जैसे कि सिनेमेटोग्राफी, प्रोडक्शन, रिरिकॉर्डिस्ट और साउंड डिजाइन में पुरस्कार जीता. नतीजतन यह फिल्म समारोह में सबसे अधिक छह ट्रॉफियां अपने नाम करने में सफल रही.
एम चंद्रकुमार के उपन्यास ‘‘लॉक अप” पर आधारित थ्रिलर फिल्म ‘‘विसरनाई” के लिए तमिल सितारे समुतिरकानी सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार अपनी झोली में करने में कामयाब रहे. फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म और सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार भी अपने नाम किया.
फिल्म ‘‘दम लगा के हईशा” के लोकप्रिय मधुर गीत ‘‘मोह मोह के धागे” ने दो पुरस्कार हासिल किये. गीत की गायिका मोनाली ठाकुर और गीतकार वरुण ग्रोवर ने पुरस्कार जीता.
वहीं, मराठी फिल्म ‘‘कट्यार कालजात घुसली” में गीत गाने के लिए महेश काले सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का पुरस्कार घर ले जाने में सफल रहे.
‘‘बाहुबली” ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता. स्पेशल इफेक्ट्स में सीजीआई (कॉमन गेटवे इंटरफेस) से सजी पटकथा के लिए फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स का पुरस्कार भी झटका.
सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव के जीवन और उपदेशों पर आधारित रसूल पोकुट्टी के सह-निर्माण वाली फिल्म ‘‘नानक शाह फकीर” ने राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार हासिल किया. इसके अलावा फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन और मेकअप का पुरस्कार भी जीता.
उत्तरी केरल में कीटनाशकों के दुष्प्रभाव को दर्शाती फिल्म ‘‘वालिया छिरकुला पक्षिकल” ने पर्यावरण संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार हासिल किया.
एक विलक्षण बच्चे की कहानी कहती फिल्म ‘‘दूरंतो” ने सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्कार जीता, जबकि बाल कलाकार गौरव मेनन ने सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार हासिल किया.
सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार ‘‘निर्णायकम्” के खाते में गया. मेघना गुलजार की ‘‘तलवार” ने सर्वश्रेष्ठ लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट का सम्मान पाया। सर्वश्रेष्ठ गीत का पुरस्कार ‘‘एन्नू निंते मोइदीन” के गीत ‘‘कातीरुन्नू कातीरुन्नू” को मिला, जबकि जाने माने संगीतकार इल्लैयाराजा ने ‘‘तारई तपट्टई” के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्वसंगीत पुरस्कार जीता.
भास्कर हजारिका की ‘‘कोथानोडी” ने सर्वश्रेष्ठ असमी फिल्म का पुरस्कार जीता, जबकि जाने माने फिल्मकार गौतम घोष अपनी फिल्म ‘‘शंखचिल” के लिए सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म का पुरस्कार घर ले जाने में सफल रहे.