मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता रितिक रोशन के अपने एक ट्वीट में ‘पोप’ का जिक्र करने के लिए उन पर ईसाई समुदाय की ‘भावनाएं आहत’ करने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अब्राहम मथाई ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है.
गौरतलब है कि रितिक ने अपने एक ट्वीट में ‘पोप’ का जिक्र करते हुए अभिनेत्री कंगना रनौत पर परोक्ष निशाना साधा था.
मथाई के वकील रिजवान सिद्दिकी ने कहा कि अभिनेता को भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के प्रावधान के तहत नोटिस भेजा गया है और सात दिन के अंदर माफी मांगने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की जाएगी.
सिद्दिकी ने कहा, ‘रितिक रोशन ने धार्मिक भावनाओं और मेरे मुवक्किल सहित दुनिया भर में ईसाइयों (रोमन कैथोलिकों) की आस्था को ठेस पहुंचाई है. मेरे मुवक्किल सात दिन में रितिक रोशन से सार्वजनिक तौर पर लिखित में माफी चाहते हैं.’
रितिक ने 28 जनवरी को ट्वीट किया था, ‘मीडिया ने जिन महिलाओं (यकीनन वे खूबसूरत हैं) के साथ मेरा नाम जोडा, उससे अधिक तो पोप के साथ मेरे अफेयर की संभावना है. धन्यवाद लेकिन यह नहीं चाहिए.’
नोटिस में यह भी कहा गया कि सार्वजनिक मंच पर इस तरह की बयानबाजी करके रितिक ने ना केवल जानबूझकर सम्मानित पोप की पवित्रता को चुनौती दी है बल्कि उनकी गरिमा को भी कम किया है.
नोटिस के अनुसार, ‘इसलिए बद्नीयति, दुर्भावना और जानबूझकर उन्होंने धार्मिक भावनाओं को आहत किया और दुनियाभर के उन रोमन कैथोलिकों की धार्मिक आस्थाओं का अपमान किया है जो पोप को अपना आध्यात्मिक एवं धार्मिक नेता मानते हैं.’
नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस तरह का आपराधिक कृत्य करके रोशन ने खुद को दोषी के तौर पेश किया है और उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावना से किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर उनके धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करना) के प्रावधान के तहत जवाबदेह बनाने की कोशिश की जाएगी.
नोटिस में सिद्दिकी ने रितिक से सात दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है और ऐसा करने में विफल रहने पर इस संबंध में उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 196 के तहत जरुरी सरकारी मंजूरी हासिल करके उसके अनुसार उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की जाएगी.
बहरहाल, ना तो अभिनेता और ना ही उनके प्रतिनिधि ही इस पर टिप्पणी करने के लिए उपब्लध हो पाए.