बॉलीवुड की ‘ट्रेजेडी क्वीन’ मीना कुमारी ने अपनी खास शैली के अभिनय और अपनी आवाज से हमेशा ही दर्शकों के दिलों में रहीं. बताया जाता है कि जब मीना कुमारी का जन्म हुआ, तो उनके माता-पिता काफी तंगी से गुजर रहे थे. इसी के चलते उनके पिता उन्हें जन्म के समय ही अनाथालय में छोड़ आए थे. हालांकि, कुछ घंटे बाद वह मीना कुमारी को लेकर वहां से घर भी आ गए. मीना कुमारी को अभिनय की कला विरासत में मिली थी. उनके पुण्यतिथि के मौके पर जानिये 10 दिलचस्प बातें…
1. मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1932 को मध्यम मुस्लिम परिवार में हुआ था. मीना कुमारी का वास्तविक नाम माहजबीं बानो था.
2. उनके पिता अली बक्श फिल्मों में और पारसी रंगमंच के एक मँजे हुये कलाकार थे. उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना थी.
3. मीना कुमारी के आने के बाद ही भारतीय सिनेमा में कई नयी अभिनेत्रियों का आगमन हुआ जिनमें नरगिस, निम्मी, सुचित्रा सेन और नूतन शामिल थी.
4. मीना कुमारी ने 7 साल की उम्र से ही अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरूआत कर दी थी. उन्होंने 1939 में विजय भट्ट की ‘लेदरफेस’ से अपने फ़िल्मी करीयर की शुरूआत की थी.
5. 1953 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली मीना कुमारी पहली अभिनेत्री थी. मीना कुमारी को अभिनय के अलावा शेरो-शायरी का भी बेहद शौक था. उनके गानों को आज दर्शक शौक से सुनते हैं.
6. मीना कुमारी को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए चार बार फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से नवाज़ा गया. इनमें फिल्म ‘बैजू बावरा’, ‘परिणीता’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’ और ‘काजल’ शामिल हैं.
7. 1962 मीना कुमारी के सिने कैरियर का अहम पड़ाव साबित हुआ. इस साल उनकी ‘आरती’, ‘मैं चुप रहूंगी’ और ‘साहिब बीबी और गुलाम’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुईं. इन फिल्मों के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
8. 1952 में मीना कुमारी ने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के साथ शादी कर ली. अमरोही उन्हें प्यार से ‘मंजू’ कहकर बुलाया करते थे. लेकिन अचानक 1964 में मीना कुमारी और कमाल अमरोही की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गई. इसके बाद मीना कुमारी और कमाल अमरोही अलग-अलग रहने लगे.
9. कमाल अमरोही की फिल्म ‘पाकीज़ा’ के निर्माण में लगभग 14 साल लग गए. कमाल अमरोही से अलग होने के बावजूद मीना कुमारी ने शूटिंग जारी रखी क्योंकि उनका मानना था कि ‘पाकीज़ा’ जैसी फिल्मों में काम करने का मौका बार-बार नहीं मिल पाता है. यह एक सुपरहिट फिल्म रही थी.
10. उनके गानों में ‘अजीब दास्तां है ये’, ‘रूक जा रात’, ‘ना जाओ सईयां’, ‘चलते-चलते यूं ही कोई’, ‘छू लेने दो नाजुक होठों को’, ‘मधुबन में राधिका’ और ‘इन्हीं लोगों ने’ जैसे सुपरहिट गाने शामिल हैं.
31 मार्च 1972 को वे इस दुनियां को अलविदा कहकर चली गई. उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई थी.