प्रत्यूषा आत्‍महत्‍या मामला: ब्‍वॉयफ्रेंड राहुल सिंह की अग्रिम जमानत याचिका स्‍थगित

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी को कथित रुप से खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में नामजद अभिनेता-निर्माता राहुल राज सिंह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक एक सप्ताह के लिए और बढा दी. अदालत को यह भी जानकारी दी गई कि इस मामले में एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 10:01 AM

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी को कथित रुप से खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में नामजद अभिनेता-निर्माता राहुल राज सिंह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक एक सप्ताह के लिए और बढा दी. अदालत को यह भी जानकारी दी गई कि इस मामले में एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की गई है.

सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमिूर्त मृदुला भटकर ने उन्हीं नियमों और शतों के तहत उनकी गिरफ्तारी पर रोक बढा दी, जिनके आधार पर 12 अप्रैल को उन्हें राहत दी गई थी. इससे पहले अदालत ने सिंह से 13 से 18 अप्रैल तक सुबह 11 बजे से एक बजे तक हर दिन गोरेगांव उपनगर के बांगुर नगर थाने में उपस्थित होने के लिए कहा था.

इसी थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. न्यायाधीश ने यह भी निर्देश दिया था कि अगर राहुल गिरफ्तार होते हैं तो उन्हें 30 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा किया जाए. इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय को एक पत्र में सूचित किया कि उसने नीलेश पवस्कर को इस मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है लेकिन इस संबंध में अब तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है.

सरकारी वकील उषा केजरीवाल ने उच्च न्यायालय को बताया कि जांच में बमुश्किल कोई प्रगति हुई है क्योंकि आरोपी :सिंह: अस्पताल में भर्ती था और उसे दो दिन पहले ही छुट्टी मिली है. उन्होंने दावा किया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.

उच्च न्यायालय ने बाद में गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका पर सुनवाई 25 अप्रैल तक टाल दी और सिंह को दी गई अंतरिम राहत की अवधि तब तक के लिए बढा दी.

इस बीच सिंह के पिता हर्षवर्द्धन सिंह ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को एक पत्र लिखकर कहा है कि कुछ समाज विरोधी तत्व उनके परिवार की छवि को धूमिल करने और उनके पुत्र के करियर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना था कि वह लोग नहीं चाहते कि सच्चाई सामने आए.

गौरतलब है कि प्रत्यूषा के अभिभावकों ने भी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर मामले की जांच अपराध शाखा से कराने की मांग की थी.

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