सहेजने के सरोकार
अनुप्रिया अनंत सोनम कपूर को फोटोग्राफी की शौक है. इसका अनुमान उनके इंस्टाग्राम व सोशल नेटवर्किग साइट्स पर उनके द्वारा पोस्ट की गयी तसवीरों से लगाया जा सकता है. सोनम आमतौर पर भी जब पत्रकारों से मिलती हैं तो वे उनकी तसवीरें लेकर उसे एकत्रित करती हैं. वह जब भी विदेश जाती हैं तो वहां […]
अनुप्रिया अनंत
सोनम कपूर को फोटोग्राफी की शौक है. इसका अनुमान उनके इंस्टाग्राम व सोशल नेटवर्किग साइट्स पर उनके द्वारा पोस्ट की गयी तसवीरों से लगाया जा सकता है. सोनम आमतौर पर भी जब पत्रकारों से मिलती हैं तो वे उनकी तसवीरें लेकर उसे एकत्रित करती हैं. वह जब भी विदेश जाती हैं तो वहां से कपड़ों के एंटीक्स का भी कलेक्शन करती हैं. हाल के दौर में ऐसा शौक कम अभिनेत्रियों में नजर आता है. पुराने दौर में मीना कुमारी को गजल लिखने का शौक था. उनके कई नज्मों पर गाने भी बने. अमिताभ बच्चन को कलम एकत्रित करने का शौक है.
राजेश खन्ना के घर आशीर्वाद में दुनिया की तमाम प्रसिद्ध शराब के ब्रांड्स का संग्रह था. राजकपूर कॉमिक्स के शौकीन थे. देव आनंद को सिगार संग्रह का शौक था. दरअसल, हकीकत यही है कि सफलता को सहेजा जाना भी एक अहम विधा है, जिसे हर कोई नजरअंदाज कर देता है. इस लिहाज से अमिताभ बच्चन एकमात्र कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी पारिवारिक धरोहर को भी सहेजा और अपनी जिंदगी की तमाम घटनाओं को वह तसवीरों के माध्यम से सहेजते रहते हैं.
आज सबकुछ डिजिटल है और स्टार्स भी सोशल नेटवर्किग साइट्स के माध्यम से चीजें शेयर करते रहते हैं. लेकिन उन्हें दस्तावेज के रूप में सहेजने का काम बेहद कम कलाकारों ने किया है. जबकि यह उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है, जिन्हें उन्हें सहेजना ही चाहिए.