मुंबई : बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर किसी व्यक्ति के लैंगिक विन्यास की परवाह किए बगैर यह मानती हैं कि किसी व्यक्ति को अपने अस्तित्व को बरकरार रखने का अधिकार है. अभिनेत्री मुंबई में बीती शाम आयोजित सातवें ‘कशिश मुंबई इंटरनेशनल क्वीर फेस्टीवल’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रही थीं.
हाल में ब्रिटिश अभिनेता इयान मैककेलेन ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा था कि भारत को अपनी सोच में विस्तार देने की जरुरत है और उसे आईपीसी की धारा 377 से दूरी बरतनी चाहिए. गौरतलब है कि आईपीसी की धारा 377 समलैंगिकता को अपराध बताती है.
सोनम से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘निश्चित तौर पर मैं उनसे सहमत हूं क्योंकि यह किसी व्यक्ति का मानवाधिकार है. यह महज लेस्बियन, गे, ट्रांससेक्शुअल (समलैंगिकों) की बात नहीं है, बल्कि आप क्या बनना चाहते हैं और कोई किस अंदाज में अपना अस्तित्व बनाए रखना चाहता है, यह इस बारे में है.’
‘प्रेम रतन धन पायो’ की अभिनेत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आने के लिए वह तुरंत तैयार हो गईं क्योंकि वह मानवाधिकारों की बहुत बडी ‘समर्थक’ हैं.
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल भी मैं इसका हिस्सा बनना चाहती थी, लेकिन तब मैं बाहर थी. इस साल इसमें शामिल होने के लिए मैंने तुरंत हामी भर दी. मैं मानवाधिकारों की जबर्दस्त समर्थक हूं, एलजीबीटी अधिकारों को भूल जाइए.’
इस कार्यक्रम में इयान भी मौजूद थे, उन्होंने कहा कि वह आईपीसी की धारा 377 से आजादी चाहने वालों की मुहिम में उनका समर्थन करने के लिए भारत आए हैं.