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सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को हटाने की मांग, पैसे लेने वाले बयान को लेकर विवाद

मुंबई/नयी दिल्ली : ‘‘उड़ता पंजाब’ को लेकर गहरे हो रहे विवादों के बीच आज सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी कई मोर्चों पर घिर गए और उन्हें पद से हटाने की मांग की गयी. निहलानी ने आरोप लगाया था कि निर्माता अनुराग कश्यप ने आम आदमी पार्टी से पैसे लेकर मादक पदार्थों से जुड़ी कहानी पर […]

मुंबई/नयी दिल्ली : ‘‘उड़ता पंजाब’ को लेकर गहरे हो रहे विवादों के बीच आज सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी कई मोर्चों पर घिर गए और उन्हें पद से हटाने की मांग की गयी. निहलानी ने आरोप लगाया था कि निर्माता अनुराग कश्यप ने आम आदमी पार्टी से पैसे लेकर मादक पदार्थों से जुड़ी कहानी पर फिल्म बनायी है.

सेंसरशिप के इस विवाद के दौरान पूरा फिल्म उद्योग अनुराग कश्यप के साथ खड़ा दिखाई दिया और अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी कहा कि रचनात्मकता का गला नहीं घोंटा जाना चाहिए. इस पूरे मामले में सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति की ओर से फिल्म में ‘‘13 बदलाव’ करने तथा पंजाब शब्द हटाने के बोर्ड के फैसले की प्रति पाने के लिए फिल्म निर्माता ने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया.
हालांकि बाद में निर्माताओं ने कहा कि उन्हें सेंसर बोर्ड के आदेश की प्रति मिल गयी है. निहलानी का कहना है कि फिल्म के निर्माता ही आज तक आदेश की प्रति लेने नहीं आए थे और मामले को सार्वजनिक करने के लिए मीडिया में चले गए.
सेंसर बोर्ड प्रमुख ने कहा, ‘‘हम निर्माताओं से सोमवार को मिले और उन्हें कट्स के बारे में बताया. उन्होंने कहा यदि हमने कट्स कर लिए तो क्या आप प्रमाणपत्र जारी कर देंगे? मैंने कहा, हां बिल्कुल. लेकिन वे चिट्ठी लेने आए ही नहीं. वे सीधे मीडिया के पास चले गए. वे आज पत्र लेने आए.’ महेश भट, मुकेश भट और अनुराग कश्यप ने आरोप लगाया है कि सेंसर बोर्ड जानबूझकर फिल्म को प्रमाणपत्र देने में देरी कर रहा है.
शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट और दलजीत दोसांझ की भूमिकाओं वाली यह फिल्म 17 जून को रिलीज होनी है. इसकी कहानी पंजाब में मादक पदार्थों के उपयोग और युवाओं पर उसके प्रभाव पर आधारित है.
फिल्म के निर्माताओं का आरोप था कि सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहालानी ने जानबूझकर उन्हें वह पत्र देने से इनकार कर दिया जिसमें कट्स की सूचना थी. मुकेश भट ने निहलानी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ अवरोधक है सहायक नहीं, उसे हटा देना चाहिए.
फिल्म एंड प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मुकेश भट ने ‘उड़ता पंजाब’ के अभिनेताओं की उपस्थिति में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह फिल्म इंडस्टरी के लिए नाकाबिले बर्दाश्त और अस्वीकार्य है और हम उन्हें बाहर देखना चाहते हैं. उनके कदम दुर्भावनापूर्ण और अनैतिक हैं. वह झूठ बोलते हैं, प्रक्रिया में देरी करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं.” अनुराग कश्यप और आप के खिलाफ निहलानी के आरोपों के बाद वाक्युद्ध और तीखा हो गया है.
सेंसर बोर्ड के खिलाफ इस लडाई का चेहरा, अनुराग कश्यप पर चुटकी लेते हुए निहलानी ने दावा किया, उनके सुनने में आया है कि पंजाब की खराब छवि पेश करने के लिए निर्माता ने आम आदमी पार्टी से पैसे लिए हैं. निहलानी ने दावा किया, ‘‘मैंने सुना है कि पंजाब की खराब छवि दिखाने के लिए अनुराग कश्यप ने आप से पैसे लिए हैं.” गौरतलब है कि पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और आप वहां महत्वपूर्ण भागीदार है.
आरोपों को खारिज करते हुए आप नेता आशीष खेतान ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आरोप लगाने को लेकर निहलानी को कश्यप से माफी मांगनी चाहिए या फिर उन्हें बर्खाश्त कर दिया जाना चाहिए. इंडियन फिल्म्स एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने भी आरोपों की निंदा की है और जितनी जल्दी संभव हो माफी मांगने को कहा है. एसोसिएशन के प्रमुख और सेंसर बोर्ड के सदस्य अशोक पंडित ने कहा, ‘‘यह सिर्फ कश्यप की नहीं बल्कि पूरे फिल्म इंडस्टरी का अपमान है.”
आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आरोप लगाया कि निहलानी का बयान यह स्पष्ट करता है कि उन्होंने ‘‘भाजपा के निर्देशों” पर फिल्म को रोका है. भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है.
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह खारिज करता हूं कि सरकार की इसमें कोई भूमिका है और उसने रिलीज रोकने के लिए हस्तक्षेप किया है. आप विवादों पर ही जीवित रहती है. वह राजनीतिक लाभ के लिए विवाद पैदा करती है.” सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी ने भी आरोपों को खारिज किया है कि वह किन्ही राजनीतिक दबाव में हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि फिल्मों को प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया स्वतंत्र है और अदालती आदेश ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इसमें सरकार की कोई बडी भूमिका नहीं होती है. सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति ने हाल ही में ‘‘उड़ता पंजाब” देखी और फिल्म से पंजाब राज्य का उल्लेख हटाने के अलावा 13 बदलाव करने को कहा है.
समिति के अनुसार, फिल्म में बदलावों की सिफारिश की गयी है क्योंकि वह सिनेमैटोग्राफी अधिनियम के अनुकूल नहीं हैं. अदालत के बाहर फिल्म निर्माता कंपनी के वकीलों ने कहा, ‘‘हमने ‘ए’ प्रमाणपत्र के लिए कहा है और कहा कि फिल्म में किसी की खराब छवि में नहीं दिखाया गया है.” हालांकि 73 वर्षीय अमिताभ बच्चन ने इस पूरे विवाद में किसी का पक्ष नहीं लिया, और कहा, ‘‘मुझे मुद्दे की जानकारी नहीं है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि रचनात्मकता का गला घोंटने का प्रयास ना करें.”
उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म निर्माता अदालत और अधिकरण के पास जा सकते हैं, लेकिन एकमात्र दिक्कत है कि सेंसर फिल्म की रिलीज के आसपास आता है.” इसबीच ‘उडता पंजाब’ का समर्थन करते हुए आमिर खान ने भी कहा है कि फिल्म निर्माताओं की आवाज नहीं दबायी जानी चाहिए.

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