मुंबई : फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर जंग तेज हो गई है. मादक पदार्थ पर केंद्रित के निर्माता सेंसर बोर्ड के खिलाफ बीते कल बंबई उच्च न्यायालय पहुंचे थे. आज इस मामले में सुनवाई होगी. दरअसल सेंसर बोर्ड ने फिल्म से ‘पंजाब’ शब्द हटाने और फिल्म की कहानी में 89 कट करने को कहा था. यह बात फिल्म निर्माताओं को रास नहीं आई और वो बंबई हाईकोर्ट पहुंच गये.
निर्माताओं ने अदालत से कहा कि वे समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों का अध्ययन करेंगे और फिर तय करेंगे कि उन्हें चुनौती दी जाए या नहीं. ऐसी स्थिति में वह याचिका में संशोधन करना चाहेंगे. तद्नुसार अदालत ने अनुराग कश्यप की निर्माण एवं वितरण कंपनी फैंटम फिल्म्स को याचिका में संशोधन करने का वक्त दे दिया और मामले की अगली सुनवाई आज करने का फैसला किया.
अदालत ने सेंसर बोर्ड से भी इस मामले के रिकार्ड आज उसके सामने पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान यह मुद्दा भी उठा कि क्या पीडित फिल्मकार सिनेमाटोग्राफ अधिनियम के नियमों के अनुसार फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण के पास गए बगैर सीधे उच्च न्यायालय जा सकते हैं.
न्यायाधिकरण संबंधी मुद्दा उठने पर फिल्म निर्माण कंपनी के वकील रवि कदम ने दलील दी थी कि न्यायाधिकरण के अध्यक्ष शहर से बाहर हैं और वह 14 जून तक नहीं उपलब्ध होंगे. चूंकि फिल्म 17 जून को रिलीज होनी है, अतएव वे उच्च न्यायालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि सिनेमाटोग्राफ अधिनियम भी यह व्यवस्था देता है कि यदि न्यायाधिकरण किसी कारणवश नहीं बैठता है तो पीडित पक्ष उच्च न्यायालय जा सकता है.
समिति के अनुसार बदलाव इसलिए सुझाए गए क्योंकि यह फिल्म सिनेमाटोग्राफ अधिनियम के अनुरुप नहीं है. अदालत के बाहर फिल्म निर्माण कंपनी के वकीलों ने कहा, ‘हमने ए प्रमाणपत्र मांगा था और यह फिल्म किसी की भी गलत छवि नहीं पेश करती है. ‘
शाहिद कपूर, आलिया भट, करीना कपूर खान, दिलजीत दोसांझ अभिनीत इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि कैसे पंजाब में युवक मादक पदार्थ के सामने घुटने टेक देता है. इस फिल्म से विवाद खडा हो गया है. कश्यप ने पार्टियों से सेंसरशिप विवाद से दूर रहने का आह्वान किया है. यह फिल्म 17 जून को रिलीज होने वाली है.
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं.कश्यप ने कल सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी को ‘तानाशाह’ करार देते हुए उन पर प्रहार किया था और कहा था कि यह ऐसा है जैसे हम उत्तर कोरिया में रह रहे हों. उन्हें करण जौहर, महेश भट्ट, रामगोपाल वर्मा और मुकेश भट्ट समेत कई फिल्मकारों का समर्थन मिला है.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पंजाब के सत्तारुढ शिअद भाजपा गठबंधन पर इस फिल्म पर सेंसर करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था जिससे राज्य सरकार ने इनकार किया.