बॉलीवुड अभिनेमा शाहिद कपूर फिल्म ‘हैदर’ के बाद एक बार फिर से अलग किरदार में हैं. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में वे अपने लुक और किरदार को लेकर खासा सुर्खियां बटोर चुके हैं. इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुए. लेकिन अंतत: फिल्म आज रिलीज हो गई. शाहिद कपूर इस फिल्म को अपने बेहद करीब और खास मानते हैं. पेश है अनुप्रिया अनंत और उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के मुख्य अंश…
1. ‘हैदर’ के बाद एक बार फिर से आप ‘उड़ता पंजाब’ में एक सनकी किस्म का किरदार निभा रहे हैं. क्या आपको ऐसे किरदारों को निभाने में मजा आता है?
– डर लगता है लेकिन मजा भी आता है. टॉमी सिंह (उड़ता पंजाब में उनका किरदार) लेकिन बिल्कुल नेक्स्ट लेवल का सनकी है. मैंने इसका आधा भी अब तक प्ले नहीं किया है. अभिषेक ने ‘हैदर’ देखने के बाद कहा था कि वह सीन जहां तुम उस आदमी को शूट करना चाहते हो लेकिन शूट नहीं करते. वहां से टॉमी का किरदार शुरू होता है. तो आप समझ सकते हैं कि उसे इस फिल्म के किस तरह के सनकी किरदार की जरूरत थी. बहुत चैलेंजिंग किरदार है. मेरे लिए कठिन किरदार है. लोगों ने इससे पहले मुझे इस तरह के किरदार में नहीं देखा है.
2. इस तरह के किरदार निभाना आपके लिए मानसिक रूप से भी एक चुनौती रहती है?
– हां, बिल्कुल रहती है. क्योंकि मैं तो ऐसा हूं ही नहीं बिल्कुल भी निजी जिंदगी में. एक तो वह रॉकस्टार है तो उसका पर्सोना है. फिर वह कोकिन हाइ है तो इससे भी उसका पर्सोना अलग रहता है. उसका इमोशनल पार्ट हमेशा लाउड रहता है. टॉमी बहुत हाइपर है. हमेशा उत्तेजित रहता है. लेकिन फिर भी टॉमी सिंह से आपको प्यार हो जायेगा. टॉमी सिंह सुपरस्टार है तो उसे वह पर्सनैलिटी भी बरकरार रखनी थी. वही दूसरी तरफ वह कोकिन एडिक्ट है तो वो लोग अधिक खाते नहीं थे. मुझे दोनों तरह से खुद को तैयार रखना पड़ता था. मुझे फिट भी रहना था और हाइपर भी रहना था. खाना भी था और अंडर इटिंग पर भी रहना था. मुझे बहुत कॉफी पीनी पड़ती थी. यह किरदार निभाते हुए मुझे बहुत थकान हुई है, क्योंकि मुझे हर सीन में हाइपर रहना पड़ा है. ज्यादातर सीन रात में शूट हुए हैं. तो मैं सोता भी सुबह में था.
3. फिल्म को लेकर काफी विवाद हुए. इस पर आपको क्या कहना है?
– मैं तो सबसे पहले यह कहूंगा कि हम सेंसर बोर्ड कहना बंद करें. बेहतर है कि जो नाम है बोर्ड का वह हम सही से लें. सीबीएफसी. हमारी किसी से भी दुश्मनी नहीं है. व्यक्तिगत तौर पर. हमारी लड़ाई अपनी फिल्म को लेकर थी. और हमारे प्रोडयूर्स ने वह लड़ी और जीत हासिल हुई है. इस बात की हमें खुशी है. फिल्म अपनी रिलीज तारीख पर रिलीज हो रही है.
4. फिल्मों को हमेशा इन बातों के लिए टारगेट किया जाता रहता है कि वे युवाओं को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाती है. साथ ही फिल्म स्टार्स फर भी यह आरोप लगते रहते हैं. इस बारे में आपकी क्या राय है?
– मैं नहीं मानता. मैं बिल्कुल नहीं मानता. फिल्म का यह जो कांसेप्ट है. आप फिल्म देखेंगे तो खुद समझेंगे कि फिल्म ड्रग या किसी चीज को प्रोमोट नहीं कर रही न ही कोई मेसेज लेकर आ रही. हां, मगर एक इश्यू पर बात कर रही है. और वह जरूरी है. कर्मशियल फिल्म है चूंकि यह तो इसे लोग अलग नजरिये से देखते हैं और खासतौर जब स्टार्स इसमें शामिल हो तो. मेरा मानना है कि कुछ फिल्में देखने के बाद उसका इंपैक्ट रह जाता है. उड़ता पंजाब उनमें से एक होगी. मैं चाहता हूं कि लोग इसे बोरिंग फिल्म की तरह देखने न जायें. इसका काम एंटरटेनमेंट है. टॉमी ऐसा किरदार है, जिसको यूथ देखना पसंद करेंगे.
5. टॉमी जैसे रियल किरदार इमोशनल होते हैं?
– टॉमी बहुत इमोशनल है. टॉमी इगोस्टिक है, बदतमीज है. लेकिन फिर भी आप उससे प्यार करने लगेंगे, क्योंकि आप उसे देख कर महसूस करने लगेंगे कि वह दिल का बुरा नहीं है और इसलिए उसका नाम टॉमी है. वह बच्चे की तरह है. उसे पता नहीं है कि उसे क्या करना है. कोकिन एडिक्ट के साथ भी ऐसा होता है, जब वे नशे में होते हैं वे ओवर कांफीडेंट होते हैं और जब वह लो होते हैं तो वे डिप्रेशन में होते हैं.
6. यह एक अलग मिजाज की फिल्म लग रही है. चूंकि फिल्म में चार बड़े स्टार्स हैं, लेकिन आपस में उनका कनेक्शन नहीं है?
– इस फिल्म में अलग तरह के कैरेक्टर हैं. सभी की अपनी जर्नी है फिल्म में. डायमेटिकली अलग बैकड्रॉप हैं. आप कितने वाकिफ थे इस विषय के बारे में फिल्म से जुड़ने से पहले? मैं कहूंगा कि यहां बैकड्रॉप पंजाब है, लेकिन समस्या सिर्फ पंजाब की नहीं है. इस जेनरेशन की है. इस देश की है. युवा बहुत जल्दी आते हैं ड्रग के चपेट में. सभी कूल बनने की चक्कर में यह सब करने लगते हैं. आने वाले समय में यह एक महत्वपूर्ण इश्यू बनेगा.
7. आप जब 17-18 साल के थे. तो आप किस तरह की जीवनशैली में रहना पसंद करते थे?
– मैं तो बहुत सामान्य सी जिंदगी जीता था. पार्टी कभी-कभार कर लिया तो कर लिया. क्लासेज बंक करता था. लेकिन डांस क्लासेज करने के लिए शामक डाबर के पास क्लासेज लेता था. कूल दिखने के लिए मैं डांस करता था. डांस को लेकर मैं बचपन से दिलचस्पी लेता था. चूंकि मेरी मां क्लासिकल डांसर रही हैं तो वही से प्रेम चढ़ा था डांस करने का. मैं बेली डांस करना पसंद करता था.
8. आपने शुरुआत वीडियो एलबम से की थी. उस दौर में कई टैलेंट को वीडियो एलबम की वजह से मौके मिले. लगता है कि वीडियो एलबम का वह दौर कभी वापस आयेगा?
– उस दौर में वीडियो एलबम में मौके नहीं मिलते थे. अब तो फिल्मों में आसानी से मौके मिल जाते हैं. उस वक्त मैंने आर्यन का एक वीडियो किया था. उस वक्त कुत्ते को ज्यादा अहमियत दी गयी थी मुझसे. तो मैं उससे बहुत ईर्ष्या कर रहा था. अपने दोस्तों के बीच लोग खुश हो जाता था. लेकिन सच कहूं तो उस वक्त मैं बहुत डरा हुआ था कि चांस मिलेगा भी नहीं काम करने का. क्या मुझे यह लाइन छोड़ देनी चाहिए. आज आसान है दिखना. उस वक्त दिखना बहुत कठिन था. आज तो सोशल मीडिया से बहुत कुछ चीजें आसान हो गयी हैं. उस वक्त लोग नये लोगों को मौका देने से डरते थे.