मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिल्म ‘शोरगुल’ के प्रदर्शन को लेकर पुलिस को चौकस रहने को कहा गया है. फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है. आईजी सुजीत पांडेय ने आज कहा कि फिल्म को लेकर कहीं कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने नहीं दी जायेगी.
मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगों पर कथित तौर पर आधारित फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर पिछले कुछ दिनों से शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा के फायर ब्रांड नेता एवं मेरठ की सरधना सीट से विधायक संगीत सोम पहले ही फिल्म के प्रदर्शन का विरोध करने की घोषणा कर चुके हैं.
संगीत सोम ने कहा कि प्रदेश शासन को चाहिए कि इस फिल्म का मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन रोकने के आदेश दे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो फिर उनको (संगीत सोम) ही इस मामले में कुछ करना पडेगा. संगीत सोम का आरोप है कि फिल्म में उदारवादी नेताओं की भूमिका को गलत तरीके से पेश किया गया है.
दरअसल फिल्म में मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगों के अलावा गोधरा कांड और बाबरी मस्जिद जैसे कई और गंभीर मुद्दों को उठाया गया है. वहीं फिल्म के सह-निर्माता व्यास शर्मा का कहना है कि,’ फिल्म किसी भी विशिष्ट घटना पर नहीं बनी है बल्कि जो समाज में हो रहा है उसी को आईना दिखाने की कोशिश की गई है.’
उन्होंने आगे कहा,’ हमने केवल उन बिंदुओं को दर्शाया है जो इस वक्त देश के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं.’ फिल्म में इन घटनाओं के अलावा भी कई भी कई संवेदनशील मुद्दों को उठाया गया है. ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही फिल्म विवादों में घिर आई थी.
वहीं फिल्म निर्माताओं ने दावा किया है कि फिल्म में एक संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है जिस कारण सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के डर से मुजफ्फरनगर के जिलाधीश ने शहर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया है.
मुजफ्फरनगर के साथ ही मेरठ में भी फिल्म के प्रदर्शन को लेकर संशय बना हुआ है. शहर के निशात सिनेमा के मालिक दीपक सेठ के अनुसार पुलिस-प्रशासन सुरक्षा देगा, तभी फिल्म रिलीज की जा सकेगी.