II उर्मिला कोरी II
फिल्म: ढिशूम
निर्माता: साजिद नाडियाडवाला
निर्देशक: रोहित धवन
कलाकार: जॉन अब्राहम, रोहित धवन,जैकलीन फर्नान्डीज
रेटिंग: दो
भारत में दो ही चीज़ें चलती हैं क्रिकेट और फिल्म. रोहित धवन की फिल्म ‘ढिशूम’ इन्ही दोनों एंटरटेनमेंट के मसालों से बनाने की कोशिश की गयी है. हालाँकि ये दोनों पॉपुलर मसाले मिलकर भी इस फिल्म को एंटरटेन करने के लायक नहीं बना पाए हैं. फिल्म की सबसे कमज़ोर कड़ी इसकी कहानी है. फिल्म की कहानी मिडिल ईस्ट में बुनी गयी है.
जहाँ एक भारतीय स्टार क्रिकेटर विराज शर्मा ( साकिब सालेम) के अगवा होने से शुरू होती है. फाइनल मैच होने में 48 घंटे बाकी है. भारत की ओर से सबसे काबिल ऑफिसर कबीर शेरगिल (जॉन अब्राहम) को भेजा जाता है. जिस में उसका साथ वहां का ऑफिसर जुनैद (वरुण धवन) देता है.किस तरह से वह विराज को ढूंढते हैं और विराज को अगवा किसने किया है. उसकी वजह क्या है.
इस पर फिल्म की आगे की कहानी को खींचा गया है. मसाला फिल्मों में कहानी के नाम पर अक्सर लिबर्टी ली जाती है लेकिन इस फिल्म में ज़रूरत से ज़्यादा खामियां दिख रही है. जो वास्तविकता के परे लग रही है. फिल्म का क्लाइमेक्स कहानी की तरह ही एकदम लचर है. अभिनय की बात करें तो जॉन और वरुण अपनी अपनी भूमिकाओं में जमे हैं.
साकिब सालेम ने अपने किरदार में फिट बैठे हैं. अक्षय खन्ना एक अरसे बाद स्क्रीन में नज़र आये हैं लेकिन फिल्म में उन्हें पूरी तरह से वेस्ट किया है. अक्षय कुमार छोटी सी भूमिका में हंसा जाते हैं. परिणीति और नरगिस फाखरी भी झलक दिखला गयी हैं. फिल्म की नायिका जैकलीन के लिए भी कुछ ख़ास करने को नहीं थी.
फिल्म के एक्शन दृश्य अच्छे हैं. संवाद चुटीले हैं जो फिल्म को कम बोझिल ज़रूर बना जाते हैं. फिल्म के गीत संगीत की बात करें तो औसत हैं. कुलमिलाकर ढिशूम निराश करती हैं.