15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

EXCLUSIVE: जानें क्‍यों कलर्स के शो पर नहीं गये रितिक रोशन ?

II उर्मिला कोरी II अपने अभिनय से हर किरदार को विशेष बनाने वाले अभिनेता रितिक रोशन इन दिनों फिल्म ‘मोहनजोदड़ो’ को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. रितिक ने इस फिल्म को तीन साल का लंबा वक़्त दिया है. इसी फिल्म की वजह से वह लंबे समय से स्क्रीन से दूर रहे हैं. ऐसी ख़ास फिल्मों का […]

II उर्मिला कोरी II

अपने अभिनय से हर किरदार को विशेष बनाने वाले अभिनेता रितिक रोशन इन दिनों फिल्म ‘मोहनजोदड़ो’ को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. रितिक ने इस फिल्म को तीन साल का लंबा वक़्त दिया है. इसी फिल्म की वजह से वह लंबे समय से स्क्रीन से दूर रहे हैं. ऐसी ख़ास फिल्मों का हिस्सा बनकर उन्हें ख़ुशी मिलती है. उन्हें उम्मीद है कि उनकी मेहनत उनके दर्शकों को भी नज़र आएंगी.

आप फिल्मों के चयन को लेकर बहुत चूजी मानें जाते हैं ऐसे में एक एक्टर के तौर पर आपको फिल्म ‘मोहनजोदड़ो’ ने क्या अपील किया.

‘मोहनजोदड़ो’ या किसी भी फिल्म को हां कहने की सबसे आसान जवाब यह है कि किसी भी फिल्म की स्क्रिप्ट जब दिल को छू जाती है तो मैं उसे हां कह देता हूं. किसी स्क्रिप्ट को दिल तक पहुंचने के लिए पूरी कायनात मदद करती है. किसी जोड़ तोड़ के बारे में सोचे बिना किस चीज को करने के लिए खुशी होती है एक उत्साह मिलता है. एक गर्व होता है यह कायनात का तोहफा होता है. जब भी ऐसा पल आता है. मुझे महसूस होता है कि पूरी कायनात मुझे फिल्म के जरिए कुछ देना चाहता है तो मैं उस फिल्म को हां कह देता हूं.

अपने किरदार ‘शरमन’ से क्या ख़ास कनेक्शन पाते हैं ?

– कई सालों बाद मुझे ऐसा किरदार मिला है. जिसने मुझे मेरी पहली फिल्म ‘कहो न प्यार है’ कि याद दिला गया है. ‘कहो न प्यार है’ में रोहित के किरदार में जो सादगी थी. वही सादगी शरमन में भी है. सादगी के साथ साथ इस फिल्म में उसे गुस्से और परिपक्वता वाले पक्ष को भी बखूबी दिखाया गया है. यह एक लड़के के आदमी बनने की जर्नी को दिखा रहा है.

शरमन के किरदार की ऐसी क्या क्वालिटी हैं जो आप खुद में लाना चाहेंगे ?

– मेरे ऑनस्क्रीन निभाए गए किरदारों की खूबियों की बात करूं तो हर किरदार जो मैंने किया है. मुझमे या तो उनकी खूबियां है या तो मैंने उन खूबियों को खुद में लाया है. मैं सिर्फ किरदारों की खूबियों को नहीं लेता हूं बल्कि अपनी अच्छे पक्ष को मैं अपने किरदारों में भी देता है. मेरा कोई भी किरदार मुझसे अलग नहीं है. मैं जैसे रियल लाइफ में हूं .मेरे किरदार भी वैसे ही मैं निभाता हूं.

‘मोहनजोदड़ो’ के शरमन की बात करूं तो वह एक क्लीयर माइंड इंसान है. उसमे मनीपुलेशन, केलकुलेशन एजमशेसन नहीं है. जो सही कर रहा है. वो सही है. जो गलत कर रहा है. वो गलत है. मैं भी वैसा ही हूं. मैं ज्यादा दिमाग नहीं लगता हूं. दिमाग होने का मतलब यह नहीं है कि हर चीज में आप दिमाग लगाने लगे.

‘मोहनजोदड़ो’ फिल्म में सिर्फ नाम भर है यह उस दौर को जीया गया है और आलोचनाओं के लिए कितने तैयार हैं ?

– सिनेमाटिक लिबर्टी तो बहुत ली गयी है. एक ऐसे दौर के बारे में है. जिसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है. खुदाई में मिले पुरावशेषों से इस स्थान के बारे में लोगों को पता चल पाया है. खुदाई में अलग-अलग तरह की चीजें सामने आईं, जिसके आधार पर समाज में भिन्न-भिन्न धारणाएं बनीं अगर फिल्म देखने के बाद कोई ये बोले कि ‘मोहनजोदड़ो’ में तो यह सब नहीं था और जो दिखाया गया है वो गलत है तो गलत सिद्ध करने के लिए भी तो कोई प्रमाण नहीं है. आशुतोष ने गहन शोध और पुराती मदद से एक धारणा को चुनकर उसके आधार पर फिल्म बनाई है.

शूटिंग का अनुभव कितना अलग था ?

– अलग तो था ही, ऐसा मैने कभी नहीं किया. पूरा का पूरा सिटी का सेट खड़ा किया गया था. कुछ भी ग्राफिक नहीं सभी कुछ रियल. सारी गलियां, घर, कमरे, पहाड़, युद्ध के स्थान सबकुछ सच में बनाया गया था. ऐसा भव्य लेकिन अलग अंदाज़ में मैंने अब तक अनुभव नहीं किया था.

‘जोधा अकबर’ के बाद यह आपकी आशुतोष के साथ दूसरी फिल्म है, आशुतोष के निर्देशन में क्या खास पाते हैं और आपकी बांडिंग इस दूसरी फिल्म के साथ कितनी बढ़ी है?

-आशुतोष मौजूदा दौर में अलग फिल्मकार है. उनकी फिल्में बहुत ही महीन होती है डिटेलिंग से भरी. बहुत ठोस उनका आधार होता है. इंटरटेनिंग होने के साथ साथ आध्यत्मिक भी होती है. ऐसी फिल्में बहुत ही मुश्किल से बनती है. जो भी आता है. दिल से आता है. कुछ भी जबरदस्ती ठूंसा नहीं होता है कि मन आए तो यहां एक आयटम गीत डाल लो. इस तरह के शॉर्टकट आशुतोष नहीं अपनाते हैं. जहां तक बॉडिंग की बात है तो हां इस फिल्म में हम दोस्त बन गए है.

इससे पहले ‘जोधा अकबर’ में निर्देशक और एक्टर वाली बॉडिंग शेयर करते थे. उस फिल्म के खत्म होते होते हम एक दूसरे को जानने लगे थे. फिर दोस्ती हो गयी. इस बार चूंकि हम दोस्त थे तो हमने काफी बात की. मैं अपनी राय देने में आशुतोष से नहीं हिचकता था और आशुतोष भी खुलकर मुझसे हर विषय पर बात करते थे. एक्टर और निर्देशक के बीच् जितना गैप कम होगा उतना ही फिल्म के लिए अच्छा होता है.

इन दिनों आनलाइन फिल्में बहुत लीक हो रही है. रिलीज से पहले वह इंटरनेट पर मौजूद हैं.

– ये बहुत गलत हो रहा है. कोई भी रास्ता जो इसे खत्म कर दे . मैं उससे जुड़ना चाहूंगा. जब भी ऑनलाइन लीक होने की खबर पढ़ता या सुनता हूं तो बहुत दुख होता है. जो लोग इस मामले में पकड़े गए हैं. मैं उनसे मिलना चाहता हूं. उनसे पूछना चाहता हूं कि वह ऐसा क्यों करते हैं. सिर्फ पैसे के लिए. पैसे कमाने के लिए और भी बहुत सारे रास्ते हैं लेकिन ऐसे हजारों लोगों की मेहनत को बर्बाद कर तो पैसे कमाने को उन्हें हक नहीं है.

कंगना मुद्दे पर अब तक काफी कुछ कहा जा चुका है आपको लगता है कि इससे आपकी इमेज प्रभावित हुई है ?

– मुझे पता है कि मेरी फॅमिली और मेरे फैंस मुझे जानते और समझते हैं कि मैं क्या कर सकता हूँ क्या नहीं. मेरी परवरिश इस तरह से हुई है जहाँ मुझे औरतों का सम्मान करना. उन्हें प्रोटेक्ट करना सीखाया गया है. उस मुद्दे पर फिलहाल मैं यही कहूंगा कि अब तक कुछ हुआ ही नहीं है. आप इंतज़ार कीजिये अभी बहुत कुछ सामने आना बाकी है

हाल ही में खबर आयी थी कि आपने ‘झलक दिखला जा’ में अपनी फिल्म को प्रोमोट करने से इंकार कर दिया क्योंकि आप कॉमेडी बचाओ पर जाना नहीं चाहते थे ?

– ऐसा कुछ नहीं है. दरअसल फिल्म ‘काबिल’ की शूटिंग डेट और ‘झलक’ की शूटिंग डेट आपस में टकरा रही थी इसलिए मैं झलक का हिस्सा नहीं बन पाया. (खबरें थी कि कलर्स के शो को छोड़कर रितिक कपिल शर्मा के शो पहुंचे थे.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें