जैन मुनि टिप्पणी मामले में विशाल डडलानी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने संगीत निर्देशक विशाल डडलानी की गिरफ्तारी पर आज रोक लगाने से इंकार कर दिया जिन्होंने जैन मुनि तरुण सागर के बारे में कथित रुप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. डडलानी की तरफ से पेश वकील करुणा नंदी ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध देने का अनुरोध करते हुए कहा […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने संगीत निर्देशक विशाल डडलानी की गिरफ्तारी पर आज रोक लगाने से इंकार कर दिया जिन्होंने जैन मुनि तरुण सागर के बारे में कथित रुप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. डडलानी की तरफ से पेश वकील करुणा नंदी ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध देने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर प्राथमिकी रद्द नहीं होती है तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.
उच्चतम न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायालय जाने का सुझाव दिया. न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौडा और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने हरियाणा में ददलानी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने कस आग्रह भी ठुकरा दिया और कहा कि वह संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
वकील ने यह भी आग्रह किया कि जब तक ददलानी उच्च न्यायालय जाते हैं तब तक उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाए. बहरहाल पीठ ने इन आग्रहों को ठुकरा दिया और राहत के लिए उनसे उच्च न्यायालय जाने को कहा.
अंबाला कैंट पुलिस ने जैन मुनि को लेकर कथित तौर पर व्यंगात्मक ट्वीट करने वाले ददलानी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया था. प्राथमिकी में कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला का नाम भी दर्ज है. पूनावाला ने भी जैन मुनि पर ट्वीट किया था.
पुलिस ने कहा था कि ददलानी और पूनावाला के खिलाफ अंबाला में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसमें भादंसं की धारा 153 ए (समुदायों के बीच शत्रुता को बढावा देना), 295 ए (जानबूझकर धर्म को बदनाम करना या धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाना) ओर 509 (शब्द या भाव भंगिमा से नारी की मर्यादा का अपमान करना) शामिल है.