रांची : अपनी बायोपिक एमएस धौनी – द अनटोल्ड स्टोरी के प्रोमोशन के सिलसिले में कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी और फिल्म में धौनी का किरदार निभा रहे सुशांत सिंह राजपूत पूरी टीम के साथ रविवार को रांची में थे. इस दौरान सुशांत ने धौनी की बेटी जीवा के साथ जमकर मस्ती की. सुशांत ने एक तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की. ट्विटर परशेयरकी गई इस तस्वीर में सुशांत और धौनी के साथ जीवा भी नजर आ रही है जिसके साथ सुशांत लिपटे हुए दिख रहे हैं.
आपको बता दें कि धौनी के स्कूली शिक्षकों और दोस्तों के लिए फिल्म के ट्रेलर और गानों का खास शो रविवार को आयोजित किया गया था. होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित शो के बाद धौनी अभिनेता सुशांत और निर्माता अरुण पांडेय के साथ मीडिया से रूबरू हुए. धौनी ने कहा कि फिल्म को लेकर मुझमें काफी एक्साइटमेंट है. मैं अपने पास्ट के बारे में ज्यादा नहीं सोचता. कभी सोचा भी नहीं. यह फिल्म मुझ पर है. मेरी कॉलोनी में, मेरे स्कूल में, मेरी रांची में शूट की गयी है. रांची के लोग मुझे जानते हैं. मैं यहीं का हूं. पूरे नहीं, तो कम से कम आधी रांची के लोगों को तो मैं जरूर जानता हूं. मैं यहीं पला-बढ़ा. खेला-कूदा हूं. मैंने किस बॉल से कहां खेला है, यहां के लोगों को खूब पता है. शायद खड़गपुर में नौकरी के दौरान मेरी चार साल की लाइफ ही यहां के लोगों के लिए नयी चीज हो.
धौनी ने कहा कि एमएस धौनी-द अनटोल्ड स्टोरी देखना मेरे लिए रीलिविंग द मोमेंट है. स्कूल लाइफ मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था. फिल्म से मेरी मेमोरी क्रैश करती है. अपने स्कूल में फुटबॉल, बैडमिंटन और क्रिकेट खेला. स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हो, तो एथलीट नहीं आ सकते. मेरी लाइफ में मेरे स्कूल का बहुत बड़ा रोल रहा. शिक्षकों का, दोस्तों का बहुत बड़ा रोल रहा. आदमी बड़ा होता है, तो उसकी लाइफ में बहुत सारे लोग आते-जाते हैं. आदमी को बड़ा बनाने में उन सारे लोगों का कंट्रीब्यूशन होता ही है. धौनी ने कहा : फिल्म में मेरे लिए मेरे पैरेंट्स की, मेरी बहन की बातों को जानना और उनकी मनोदशा का अंदाजा बिल्कुल नयी बात है. उनकी भावना को फिल्म में देखना मेरे लिए एक्साइटिंग है.
अब तो यहां सब अपना-अपना लगता है : सुशांत
फिल्म के हीरो सुशांत सिंह राजपूत ने कहा : फिल्म शूटिंग के सिलसिले में मैं दो सालों से रांची में ही हूं. अब तो यहां सब अपना-अपना लगता है. मैंने फिल्म में धौनी की 2011 तक की लाइफ को एक्सपीरिएंस किया है. परदे पर अपने हाव-भाव से धौनी की नकल तो मैंने की ही है, पर मैंने समझा है कि माही सोचते कैसे हैं. वह वर्तमान में जीते हैं. पास्ट और फ्यूचर भूल कर वर्तमान बेहतर करने की कोशिश ने उनको बड़ा आदमी बना दिया. फिल्म के दौरान मैंने खूब मेहनत की है. पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे से प्रशिक्षण लिया है. महीनों तक लगातार क्रिकेट खेला है. खड़गपुर के एक असली मैच में बिना किसी को बताये शूटिंग करने का अनुभव हासिल किया है. फिल्म में लोगों को पता चलेगा कि धौनी बने कैसे हैं? उन्होंने किन मुश्किलों और कितनी परेशानियों का सामना किया है. कैसे संघर्ष करते हुए परिस्थितियों के साथ जूझते हुए वह सफल हुए हैं.
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पापा ने कहा था एक दिन की पढ़ाई से कुछ नहीं होता
धौनी ने बताया कि मेरी 12वीं की परीक्षा थी. उस दौरान परीक्षा के बीच मिले गैप में मैच भी थे. मैंने पापा को बताया, तो पापा ने बड़े काम की बात कही थी. उन्होंने कहा कि जाओ खेलो. साल पर पढ़ा होगा, तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. एक दिन की पढ़ाई से कुछ नहीं होता. धौनी ने युवाओं को सफलता के सूत्र भी दिये. बताया कि उनकी बायोपिक के जरिए संदेश दिया गया है. वर्कलोड को टाइम मैनेजमेंट के जरिए बांटने, वर्तमान में रहने, सबका सम्मान करने, सबको प्यार करने, हर प्रेशर सिचुएशन को अवसर मानने की बात दिखायी गयी है. फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत ने बढ़िया अभिनय किया है.
फिल्म बताएगी कि बड़ा कैसे बना जाता है : अरुण
फिल्म के निर्माता अरुण पांडेय ने कहा : किसी के बड़े होने में संघर्ष होता है. विषम परिस्थितियों से बाहर निकलने की क्षमता होती है. फिल्म में बताया गया है कि धौनी से खुद की ईमानदारी दिखायी गयी है. फिल्म संदेश देगी. युवाओं को बतायेगी कि बड़ा कैसे बना जाता है. अब तक विदेशों में बायोपिक को आॅस्कर मिलते रहे हैं. यह फिल्म दुनिया को रांची जैसे छोटे से शहर से निकल कर धौनी बनने की कहानी दिखायेगी. लोगों को बताएगी कि कैसे संघर्ष करते हुए उन्होंने परिस्थितियों को अपने हिसाब से बनाया.