12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जब हृषिकेश मुखर्जी ने धर्मेंद्र और BIG B को भी करा दिया था चुप

नयी दिल्ली : दिग्गज फिल्म निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी को अपनी हल्की-फुल्की हास्य फिल्मों के लिये जाना जाता है, लेकिन वह इतने अनुशासनप्रिय थे कि वे धमेन्द्र और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टारों को भी चुप करा सकते थे. मुखर्जी के साथ अनेक फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता असरानी ने बताया, ‘मुखर्जी केवल निर्देशक नहीं थे, […]

नयी दिल्ली : दिग्गज फिल्म निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी को अपनी हल्की-फुल्की हास्य फिल्मों के लिये जाना जाता है, लेकिन वह इतने अनुशासनप्रिय थे कि वे धमेन्द्र और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टारों को भी चुप करा सकते थे. मुखर्जी के साथ अनेक फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता असरानी ने बताया, ‘मुखर्जी केवल निर्देशक नहीं थे, वह एक अध्यापक जैसे थे. वह सबको बताते थे, कि कैसे बोलना चाहिए, क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए, चाहे वह अमिताभ हों, या धमेन्द्र.’ उन्होंने बताया कि हालांकि वह इस बात के लिए कुख्यात थे कि वह आखिरी समय तक आने वाले दृश्यों के बारे में ज्यादा नहीं बताते थे, और अपने सहनिर्देशकों से भी बिल्कुल ऐसा ही करने के लिए कहते थे.

1975 में ‘चुपके चुपके’ की शूटिंग के दौरान असरानी को एक किरदार के लिए सूट पहनना था, जिसके बारे में पूछने के लिए वह मुखर्जी के पास गये लेकिन उन्हें कुछ नहीं बताया गया. उन्होंने कहा, ‘मैं सूट पहने हुये शूटिंग के लिए मौजूद था. हृषि दा उस समय फिल्म के लेखक राही मासूम रजा के साथ बैठे शतरंज खेल रहे थे. वहां चार-पांच सह निर्देशक भी थे. मैं उनसे फिल्म के दृश्य के बारे में पूछ रहा था, लेकिन उनमें से किसी ने जवाब नहीं दिया.’ तभी धर्मेन्द्र एक ड्राइवर की ड्रेस में वहां दाखिल हुये और उन्होंने हैरान होकर पूछा, ‘मैं तेरा ड्राइवर बना हूं ?’

75 वर्षीय असरानी ने बताया, ‘उस समय ज्यादा खर्च करने पर पाबंदी थी और हम लोग पुरानी फिल्मों के कपड़े ले लेते थे. मुझे आम तौर पर फिल्मों में सूट पहनने वाले किरदार नहीं मिलते थे, लेकिन अभी मुझे सूट पहनना था. इससे धर्मेन्द्र डर गये और पूछा, ‘क्या चल रहा है?’ फिल्म का दृश्य क्या है? तुम्हें यह सूट कहां से मिल गया और मुझे ड्राइवर की ड्रेस दे दी गयी. हृषिकेश मुखर्जी तो अपने बाप को भी सूट नहीं देगा.’ उसी समय मुखर्जी ने वहां चल रही हलचल को देखा और धर्मेन्द्र पर चिल्ला पडे. ‘ऐ धरम..तुम असरानी से क्या पूछ रहे हो? दृश्य , ठीक है? अरे, यदि तुम्हें कहानी की समझ होती, तो क्या तुम एक अभिनेता होते?’

असरानी ने याद करते हुये बताया कि निर्देशक के मुताबिक यदि धर्मेन्द्र को दृश्य की समझ होती, तो वह अभिनेता के बजाय एक निर्देशक होते. फिल्म उद्योग के बेहतरीन निर्देशकों में से एक मुखर्जी का जन्म 30 सितंबर 1922 को हुआ था और उनका निधन 22 अगस्त 2006 में हो गया. मुखर्जी ने हालांकि निर्देशक के रूप में अपनी पारी की शुरुआत एक गंभीर फिल्म ‘सत्यकाम’ से की थी. इसमें धमेन्द्र और संजीव कुमार ने अभिनय किया था. लेकिन बाद में वह हल्के फुल्के हास्यबोध वाली ‘गुड्डी’ ‘बावर्ची’ और ‘गोलमाल’ जैसी फिल्में बनाने लगे और उन्होंने अपनी फिल्मों में समकालीन मध्यवर्गीय जीवन को दिखाया. एक और अविश्वसनीय बात यह कि मुखर्जी हमेशा अपने साथ एक छड़ी रखते थे, ताकि कोई भी उनकी इजाजत के बगैर ‘दायें या बायें’ नहीं जाये.

‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में लोकप्रिय अमिताभ बच्चन को भी मुखर्जी के गुस्से का शिकार होना पड़ा था. वे आश्चर्य से असरानी को सूट पहने देखकर उसके किरदार और दृश्य के बारे में पूछने के लिए गये, लेकिन निर्देशक ने उन्हें चुप करा दिया. अमिताभ ने मुझसे पूछा ‘ओह …तुमने आज सूट कैसे पहन लिया? उन्होंने सेट के तरफ इशारा करके पूछा ‘यह किसका दफ्तर है?’ असरानी ने बताया, ‘दादा ने फिर से ये देख लिया और चीखे, ‘ऐ अमित …तुम असरानी से क्या पूछ रहे हो? कहानी के बारे में या दृश्य के बारे में ? धरम …इसे बताओ, मैने जो तुमसे कहा है. तुम लोगों को अगर कहानी की समझ होती, तो तुम लोग यहां अभिनय नहीं कर रहे होते.’ चलो काम के लिए तैयार हो जाओ.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें