राजनीति के बीच में आने से फिल्‍म इंडस्‍ट्री ‘कमजोर और भयभीत” हो जाती है: अजय देवगन

मुंबई: अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो यह पूरी तरह ‘भयभीत और कमजोर’ हो जाता है. उनका कहना है कि हम राजनीति से दूर रहना चाहते हैं क्योंकि हम कमजोर हैं. लेकिन जब देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2016 4:07 PM

मुंबई: अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो यह पूरी तरह ‘भयभीत और कमजोर’ हो जाता है. उनका कहना है कि हम राजनीति से दूर रहना चाहते हैं क्योंकि हम कमजोर हैं. लेकिन जब देश की बात आती है तो मैं वहां खडा होता हूं. लेकिन जब राजनीति की बात होती है तो ‘आप डर के चुप हो जाते हो’.

जब पूछा गया कि यह राष्ट्रवाद है या डर तो अजय ने कहा, ‘दोनों. जब राष्ट्रवाद की बात होती है तो जैसा कि मैंने कहा कि मैं देश के साथ खड़ा हूं. जब राजनीति की बात आती है तो उद्योग जगत का व्यक्ति थोड़ा भयभीत हो जाता है. वह भयभीत इसलिए हो जाता है कि अगर आज आप किसी समूह के खिलाफ कोई बात करते हैं तो आपकी फिल्म रोक दी जाती है, कुछ भी हो सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘जहां तक राजनीति की बात है तो हम काफी चिंतित हैं. जहां राष्ट्रवाद की बात है, मेरा मानना है कि यह (बॉलीवुड) विभाजित नहीं है.’ देवगन एक विशेष समारोह ‘मंथन’ में काजोल के साथ बोल रहे थे. करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को मनसे से मिल रही धमकियों के मद्देनजर उनका बयान आया है जिसमें पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान भी अभिनय कर रहे हैं.

मनसे ने कहा कि वह 28 अक्तूबर को फिल्म को रिलीज नहीं होने देगी. जौहर ने बयान जारी कर कहा कि वह फिर कभी पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे और देश के लिए सबसे ज्यादा सम्मान है. अजय देवगन ने कहा कि जब राजनीति की बात आती है तो कई लोग अपना विचार रखने से डरते हैं क्योंकि उन्हें अनावश्यक विवाद झेलना पडता है.

अजय ने कहा कि समाज की तरह बॉलीवुड भी बंटा हुआ है लेकिन जब धर्म की बात आती है तो फिल्म उद्योग के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है, यह इसकी ‘सबसे बडी खासियत’ है.उन्होंने कहा, ‘फिल्म उद्योग समाज की तरह बंटा हुआ है. लेकिन जहां तक धर्म की बात है तो यह नहीं है… ‘मनोरंजन में धर्म की समस्या आती ही नहीं है’. जो भी राजनीतिक या धार्मिक स्थिति हो, हमारी फिल्मों में काम करने वाले लोग हिंदू, मुस्लिम, पारसी, इसाई हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम साथ…साथ ईद और दिवाली मनाते हैं. मैं न केवल अपनी फिल्म इकाई की बात कर रहा हूं बल्कि पूरे फिल्म जगत की बात कर रहा हूं. हमारे समक्ष यह समस्या :धर्म की: कभी नहीं आई. यह हमारी सबसे बडी खासियत है.’ भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने को लेकर जारी विवाद के बीच उन्होंने कहा कि वह पहले भी पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम कर चुके हैं और उनका मानना है कि उन्हें पूरी तरह ‘प्रतिबंधित’ नहीं करना चाहिए.

सिंघम के अभिनेता ने कहा, ‘मैंने पाकिस्तानी कलाकारों, पाकिस्तानी गायकों के साथ काम किया है. मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा संगीत नुसरत फतेह साहब ने ‘कच्चे धागे’ में दिया. पाकिस्तानी कलाकारों ने मेरे साथ काम किया. हमें भविष्य में भी साथ काम करना चाहिए. लेकिन कभी…कभी कुछ स्थितियां उभर आती हैं. फिलहाल उन्हें प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए लेकिन हमें देश के साथ खडा होने का निर्णय करना होगा.’ अभिनेता के मुताबिक सबसे महत्वपूर्ण बात है कि लोगों को देश के साथ खडा रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे देश की सेना वहां लड रही है तो आप नहीं कह सकते कि वे जो करना चाहते हैं करने दीजिए। ऐसे नहीं होता है. मुझे उम्मीद है कि समस्या जल्द सुलझ जाएगी और हम फिर साथ काम करने लगेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘अगर वे (पाकिस्तान) हम पर, हमारी फिल्मों और टेलीविजन पर प्रतिबंध लगाते हैं. अगर वे अपने देश के साथ खडे हैं तो हमें भी अपने देश के साथ खडा होना चाहिए. हम आपस में क्यों लड रहे हैं.’

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