मुंबई: करण जौहर की आगामी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही है. एक ओर जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने फिल्म के रिलीज को हरी झंडी दे दी है वहीं दूसरी तरफ सिनेमा ऑनर्स एग्जिबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओईएआई) के अध्यक्ष नितिन दतार ने इस फिल्म का समर्थन करने से इनकार कर किया है.
उनका कहना है कि वे करन जौहर की फिल्म का समर्थन नहीं करेंगे. नितिन दातर ने पहले भी अपने एक जारी बयान में कहा था कि किसी राजनीतिक दबाव की वजह से नहीं बल्कि लोगों की ‘देशभक्ति की भावना’ को देखते हुए यह फैसला किया गया है और हमारे देश के राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए हमारे सभी सदस्य और प्रदर्शक ऐसी फिल्में प्रदर्शित करने से परहेज करेंगे जिनमें पाकिस्तानी कलाकारों, तकनीशियनों, निदेशकों, संगीत निर्देशकों वगैरह ने काम किया हो.
बता दें कि फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान के होने से इस मामले ने तूल पकड़ा था. दरअसल पिछले माह जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के कैंप में हुए आतंकवादी हमले में 19 जवान शहीद हो गये थे. इस हमले के बाद मनसे ने जनता के गुस्से को ध्यान में रखते हुए कहा था कि पाक कलाकारों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.
फिल्म के निर्देशक करन जौहर, प्रोड्यूसर्स गिल्ड के मुख्य महेश भट्ट और फिल्म का विरोध कर रहे मनसे के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात की थी. जिसके बाद महेश भट्ट ने कहा था फिल्म को लेकर सहमति बन गई है और फिल्म अब दीवाली के मौके पर ही रिलीज होगी.
बैठक के बाद महेश भट्ट ने यह भी कहा,’ देश की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने यह तय किया है कि आनेवाले दिनों में वे पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे. साथ ही मुकेश ने इस बात का भी ऐलान किया कि फिल्म की कमाई का कुछ हिस्सा सैनिकों के वेलफेयर में खर्च की जायेगी.