हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में से एक पृथ्वीराज कपूर का आज जन्मदिन है. वर्ष 1960 में आई फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में बादशाह अकबर का किरदार निभानेवाले पुथ्वीराज कपूर आज भी दर्शकों के जेहन में बसे हुए हैं. पृथ्वीराज कपूर को जन्म 3 नवंबर 1906 को पंजाब के लायलपुर में एक जमींदार के यहां हुआ था. उन्हें बचपन से ही अभिनय का बेहद शौक था. उन्होंने ऐसा नहीं सोचा होगा कि वो एक दिन थियेटर के ‘बादशाह’ के नाम से मशहूर हो जायेंगे. मात्र 18 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी और वे तीन-तीन बच्चों के पिता भी बन गये. लेकिन एक्टिंग के प्रति उनका शौक बढ़ता ही जा रहा था और सबको छोड़कर वो मुंबई आ गये. जानें उनसे जुड़ी ये दिलचस्प बातें…
1. तीनों बच्चो को छोड़कर कई खूबसूरत सपने लेकर पृथ्वीराज कपूर पेशावर से मुंबई आ गये. शुरुआती दिनों में वे इम्पीरीयल फिल्म कंपनी से जुड़े और कुछ फिल्मों में छोटे-मोटे रोल भी किये. वर्ष 1929 में उन्हें अपनी तीसरी फिल्म ‘सिनेमा गर्ल’ में पहली बार लीड रोल करने का मौका मिला.
2. वर्ष 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ आई थी. इस फिल्म में भी पृथ्वीराज कपूर ने भी काम किया था. उन्होंने ‘दो धारी तलवार’, ‘शेर ए पंजाब’ और ‘प्रिंस राजकुमार’ जैसी 9 मूक फिल्मों में काम कर चुके हैं.
3. पथ्वीराज को थियेटर से भी बेहद लगाव था इसलिए वे वर्ष 1931 में शेक्सपीयर के नाटक पेश करनेवाली ग्रांट एंडरसन थियेटर कंपनी से जुड़ गये. इसके बाद वर्ष 1944 में उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी पृथ्वी थियेटर की स्थापना में लगा दी.
4. ऐसा कहा जाता है कि थियेटर के प्रति पृथ्वीराज कपूर की ऐसी दीवानगी थी कि अपने थियेटर की स्थापना के लिए उन्होंने गमछा बिछाकर लोगों से पैसे भी मांगे थे. इलाहाबाद में महाकुंभ के दौरान शो करने के बाद पृथ्वीराज कपूर खुद गेट पर खड़े होकर गमछा फैलाते थे और लोग उसमें पैसे डालते थे और इस तरह उन्होनें पृथ्वी थियेटर की शुरुआत की.
5. फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में शहंशाह जलालुद्दीन अकबर के किरदार को उन्होंने अमर कर दिया था. आज भी उनके इस किरदार को याद किया जाता है. इसके अलावा उनकी फिल्म ‘आवारा’ भी खूब सराही गई थी.
6. उनकी फिल्मों में ‘विद्यापति’ (1937), ‘जिंदगी’ (1964), ‘आसमान महल’ (1965), ‘आवारा’ (1951), ‘तीन बहूरानिंया’ (1968), ‘दहेज’ (1950), ‘सिकंदर’ (1941), हीर रांझा (1970), ‘कल आज और कल’ (1971) और ‘चिंगारी’ जैसी फिल्मों को आज भी याद किया जाता है.
7. वर्ष 1957 में पृथ्वीराज कपूर ने ‘पैसा’ नामक नाटक पर एक फिल्म बनाई थी. इस फिल्म के निर्देशन के दौरान उनका वोकल कोर्ड खराब हो गया था और उनकी आवाज पहले जैसी दमदार नहीं रह गई थी. जिसके बाद उन्हें पृथ्वी थियेटर को बंद कर देना पड़ा था.
8. वर्ष 1969 में पृथ्वीराज कपूर को पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. मरणोपरांत उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
9. पृथ्वीराज कपूर 29 मई 1972 को इस दुनियां को अलविदा कह गये थे.