‘रॉक ऑन’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले निर्माता निर्देशक लेखक, सिंगर और अभिनेता फरहान अख्तर 8 साल के बाद ‘रॉक ऑन 2’ के जरिए एक बार फिर अपने पहले किरदार आदित्य को परदे पर जीवित करने जा रहे हैं. ‘रॉक ऑन’ को फरहान अपने करियर की खास फिल्म करार देते हैं. उन्हें उम्मीद है कि इन आठ सालों में एक एक्टर के तौर पर इंडस्ट्री में वह अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं.
8 सालों के लंबे गैप के बाद ‘रॉक ऑन’ की सीक्वल फिल्म रिलीज होने जा रही है. क्या आपको लगता है कि यह सही समय है ?
मेरे ख्याल से जब भी काम हो वही सही समय होता है. पहली फिल्म बनाने के बाद हम सब बिजी हो गए थे अपनी अपनी जिंदगी अपनी-अपनी फिल्मों में. लगातार पूछा जाता था कि सीक्वल फिल्मों के इस दौर में ‘रॉक ऑन 2’ क्यों नहीं. फिर हम लोगों ने तय किया कि सीक्वल बननी चाहिए.
‘रॉक ऑन 2’ एक्टर के तौर पर आपकी पहली फिल्म थी. कितना खुद में बतौर एक्टर आप इंप्रूवमेंट पाते हैं.
मैं कोशिश तो करता रहता हूं कि हमेशा अपने अभिनय में इम्प्रूव करूं. कई सींस करने के बाद सोचता हूं कि अगर इसे इस तरह से करता तो और अच्छा होता था. ‘रॉक ऑन 2’ में मेरे किरदार में फर्क देखने को मिलेगा. मैंने अपने अभिनय में ठहराव और मैच्योरिटी लाने की कोशिश होती है. जब आप नए होते हैं तो आप बहुत ज्यादा एक्साइटेड होते हैं कि मेरा शॉट आने वाला है. वह अब कम हो जाता है. आपको भूल जाना होता है कि कैमरा है रुम में.उस तरह की सहजता आपको बरकरार रखनी चाहिए.
एक एक्टर के तौर पर कौन सी फिल्में खास रही हैं.
जिस भी काम से जुड़ते हैं इसी वजह से करते हैं क्योंकि उसमें कुछ खास लगता है. वह एक अलग तरह का उत्साह देता है. हां अगर चैलेंजिग रोल की बात करें तो मेरे अब तक के अभिनय के कैरियर में मिल्खा का रोल सबसे ज्यादा चैलेंजिग रहा है. मैं परफॉर्मेंस के लिहाज से यह बात नहीं कर रहा हूं. मैं उसकी तैयारी की वजह से इस बात को बता रहा हूं. उस फिल्म की तैयारी नें मुङो एक अलग ही इंसान बना दिया था. सबसे मजेदार अनुभव की बात करूं तो मुझे जोया की फिल्म ‘जिंदगी मिलेगी न दोबारा’ में आया है. हर फिल्म मे अलग-अलग चीजें होती है.
यह एक म्यूजिकल फिल्म है निजी जिंदगी में आप कौन सा संगीत पसंद करते है.
रॉक संगीत मुझे बहुत पसंद है. ‘रॉक ऑन’ की दुनिया जो भी बनीं है इसमें रॉक संगीत का बहुत बड़ा हाथ है. रॉक म्यूजिक हमेशा से था. मुझे अच्छी बात यह लग रही है कि रॉक ऑन के बाद थोड़ा बहुत मेनस्ट्रीम में यह म्यूजिक आ गया है. हां मुझे गिटार बजाना पसंद है. पहली फिल्म में फेंडर गिटार बजाया था क्लाइमेक्स में काला वाला गिप्सन गिटार का इस्तेमाल किया. इस बार फिल्म में मैंने मेकफरसन का गिटार यूज किया है.
शशांक और श्रद्धा को इस फिल्म के लिए चुनाव करने की क्या कोई खास वजह थी.
शशांक और श्रद्धा दोनों का ही संगीत से जुड़ाव है. यह पहला उनका प्लस प्वाइंट था. पहली फिल्म से ही यह कोशिश थी कि उनका संगीत से जुड़ाव नजर आए ताकि किरदार को ज्यादा स्थापित करने की जरुरत न लगे. फिल्म में शशांक का किरदार सरोद प्लेयर है. उनका टेस्ट सभी को अच्छा लगा था. उनकी फिल्म तितली नहीं देखी थी लेकिन टेस्ट देखने के बाद देखा. अमेजिंग एक्टर वह हैं. जहां तक बात श्रद्धा की है तो फीमेल किरदार के लिए दो तीन नाम थे लेकिन हमें सिंगर ही चाहिए. श्रद्धा अच्छा गाती हैं, उनका गाना ‘गलियां’ सुना था.
आपके पिता जावेद साहब आपकी प्रोड्क्शन की फिल्मों में कितना इनपुट्स देते हैं.
हर स्क्रिप्ट जो मैं और रितेश चुनते हैं. उन्हें उसका नरेशन जरुर देते हैं. वह जिस फिल्म की स्क्रिप्ट को खारिज कर देते हैं. हम उससे नहीं जुड़ते हैं लेकिन कभी कभी जब वो कहते हैं ये मत करो. इस फिल्म में यह बदलाव कर दो और अगर मुङो वह सीन पसंद है तो फिर मैं उनकी नहीं सुनता हूं. ‘दिल चाहता है’ कि लिए उन्होंने अलग एंड बोला था मगर मैंने नहीं माना था. जिस अंत पर मेरा विश्वास था मैंने वही किया था.
जब आप फिल्मों की शूटिंग नहीं करते हैं तो क्या करना पसंद है.
मुझे अपने बच्चों के साथ घूमना पसंद है. बडी बेटी सोलह साल की है तो उसके साथ समय बिताने के लिए उसका फ्री होना मुझसे ज्यादा जरुरी है. हाँ बेटा नौ साल का है तो मेरी मर्जी से मेरे साथ वह समय बीता लेता है. उनके साथ उनकी मर्जी का काम या खेल खेलने में मजा आता है. घर की बात करूं तो पढता हुआ मिलूंगा या अपने मूवी कॉर्नर पर फिल्में देखता आपको मिल जाऊंगा.
पिछले कुछ समय से आपकी जिंदगी में काफी अप्स एंड डाउन हुए हैं. उन पर आपका क्या कहना है.
मेरा सिंपल जवाब है. अप्स को इंज्वॉय करो और डाउन से सीख लो. इससे जिंदगी आसान हो जाएगी.
शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ के निर्माता आप हैं. पिछली कुछ समय से फिल्म को लेकर काफी विवाद हुए है.
उस फिल्म को लेकर जो भी विवाद है. वो गलत है. मुझे बिल्कुल सही नहीं लगा. जब हमने साइन किया और काम करना शुरू किया था. उस वक्त ऐसा कुछ नहीं था बल्कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते अच्छे बनाने में जोर दिया जा रहा था. हमारे प्रधानमंत्री भी पाकिस्तान गए थे. सब अच्छा था. उस वक्त लोग चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा व्यवसायिक और सांस्कृतिक तौर पर हम एक दूसरे से जुडे लेकिन अचानक से सब बदल गया. एक आदमी के लिए आप पूरी फिल्म बंद करना चाहते हैं जबकि पूरी फिल्म में भारतीय नागरिक हैं. इम्पा ने अभी फरमान जारी किया है कि पाकिस्तान एक्टर्स के साथ काम नहीं करना है लेकिन वह भविष्य में आने वाली फिल्मों पर बात लागू होती है.जिंहोने पहले से ही फिल्म बना ली है. आप उन्हें क्यों उसी तराजू में तौल रहे है.