II उर्मिला कोरी II
फिल्म: तुम बिन 2
निर्माता: भूषण कुमार
निर्देशक: अनुभव सिन्हा
कलाकार: नेहा शर्मा , आदित्य सील , आसिम गुलाटी , कवलजीत और अन्य
रेटिंग: डेढ़
टिकट खिड़की पर इस सप्ताह सीक्वल फिल्मों ने दस्तक दी है. ‘तुम बिन 2’ इस लिहाज़ से खास है क्योंकि यह फिल्म 15 साल पहले 2001 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘तुम बिन’ की फ्रेंचाईज है. वैसे फिल्म सिर्फ एक दशक पुरानी फिल्म की फ्रेंचाइजी भर नहीं है बल्कि कहानी में भी यही मामला नज़र आ रहा है. ‘तुम बिन 2’ लव ट्रायंगल फिल्म है.
यहाँ भी तरन (नेहा शर्मा) का किरदार अतीत और वर्तमान के बीच है. अमर (आसिम गुलाटी ) उसका मंगेतर है वह मर चुका है (उसे ऐसा लगता है) और शेखर (आदित्य सील)जिसे वह पसंद करने लगी है. इन दोनों में से वह किसे अपनाएगी यही फिल्म की कहानी है काफी पुरानी कहानी लगती है मौजूदा दौर में ऐसी कहानियों से लोग कनेक्ट नहीं होते हैं.
प्यार में कंफ्यूजन नया नहीं है लेकिन दशकों पुराना इस फिल्म में इसका ट्रीटमेंट किया गया है. फिल्म की कहानी जितनी कमज़ोर है उतनी ही लंबी भी है एडिटिंग पर ध्यान देने की ज़रूरत थी और रही सही कसर फिल्म का क्लाइमेक्स कर जाता है, फिल्म का क्लाइमेक्स ज़रूरत से ज़्यादा खिंचा गया है. इस में कई पुरानी फिल्मों की छाप दिखती हैं. फिल्म के कई दृश्य पूरे नज़र नहीं आते हैं जैसे शेखर और अमर के चेस खेलते हुए अचानक क्यों हँसते है यह बात समझ नहीं आती है.
दृश्य आधे अधूरे से हैं. कई सीन जबरदस्ती ढुँसे भी लगते हैं अभिनय की बात करें तो फिल्म में नेहा शर्मा को फिल्म में जितना अहम किरदार मिला है वह परदे पर उस किरदार को उस गहराई से उतार नहीं पायी हैं. लीड एक्टर्स आशिम गुलाटी और आदित्य सील का काम भी औसत भर रह गया है. तीनों लीड किरदार संवाद अदाएगी में सबसे ज़्यादा चूकते दिखे हैं. केमिस्ट्री भी नदारद है जो लव स्टोरी फिल्म की ज़रूरत होती है.
कंवलजीत ने पिता के रूप में कहानी में अपने किरदार को बखूबी निभा जाते हैं. हाँ बहनों के किरदार में मेहर विज, सोनिया बलानी ने अच्छा काम किया है. उनकी मौजूदगी से वह फॅमिली वाला दृश्य अच्छा बन पड़ा है. फिल्म का म्यूजिक उतना अच्छा नहीं है जितना पहले वाली ‘तुम बिन’ का था. गानों का ओवर डोज भी किया गया है. पुरानी ‘तुम बिन’ का तेरी फ़रियाद वाली गजल बीच-बीच में आकर कहानी की बोझिलता को ज़रूर कम कर जाता है.
संवाद की बात करें तो अगर आपको शायरी पसंद है, तो कुछ अच्छे वन लाईनर्स भी है. फिल्म की एकमात्र यूएसपी की बात करें तो लोकेशंस हैं, स्कॉटलैंड, ग्लास्ग्लोव की खूबसूरती फिल्म को खूबसूरत बनाती है. सिनेमेटोग्राफी काबिल-ए-तारीफ है. यह कहना गलत न होगा. कुलमिलाकर कमज़ोर कहानी और अभिनय की वजह से ‘तुम बिन 2’ उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है. इस फिल्म से बेहतर 15 साल पहले रिलीज़ हुई फिल्म तुम बिन को ही दोबारा देखना होगा.