राजनीतिक जीवन से बाहर आने में दस साल लग गये, अब राजनीति नहीं : गोविंदा

जयपुर : फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद गोविन्दा ने फिर से राजनीति में आने से इंकार करते हुए कहा कि बडी मुश्किल से राजनीतिक जीवन के दिनों को भूला हूं. नाहरगढ किले में जयपुर वैक्स म्यूजियम का लोकार्पण करने के बाद गोविन्दा ने कहा, ‘राजनीति के दिनों से बाहर आने में मुझे नौ दस साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2016 6:16 PM

जयपुर : फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद गोविन्दा ने फिर से राजनीति में आने से इंकार करते हुए कहा कि बडी मुश्किल से राजनीतिक जीवन के दिनों को भूला हूं. नाहरगढ किले में जयपुर वैक्स म्यूजियम का लोकार्पण करने के बाद गोविन्दा ने कहा, ‘राजनीति के दिनों से बाहर आने में मुझे नौ दस साल लग गये है. बडी मुश्किल से मैं उस समय को भूला पाया हूं। मेरा आपसे आग्रह है कि राजनीतिक प्रश्न नहीं करे. ‘ गोविन्दा वर्ष 2004 से 2009 तक संसद सदस्य थे.

करीब 165 फिल्मों में काम कर चुके छोटे मियां नोटबंदी से जुडे सवाल को टाल गये. उन्होंने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा, ‘मैं हर कार्य गुरुजी की इजाजत लेकर करता हूं. गुरुजी ने मुझे अपनी मोम की मूर्ति बनाने की इजाजत देने से मना कर दिया था इसलिए मैं किसी को भी अपना मोम का पुतला बनाने की अनुमति नहीं देता. ‘ इससे पहले महानायक अमिताभ बच्चन की आदमकद मोम के पुतले का अनावरण करते हुए कहा कि हर महान काम के पीछे कलाकार की कल्पना होती है. यह संग्रहालय भी उसका एक उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि उन्हें उनके साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने सपने देखने को अच्छा बताते हुए कहा कि सपने तो सपने को साकार करने के लिए ही देखे जाते है. अमिताभ बच्चन और गोविन्दा ने ‘छोटे मियां, बडे मियां’ में साथ में अभिनय किया है. जयपुर मोम संग्रहालय के निदेशक और निर्माता अनूप श्रीवास्तव ने दावा किया कि दुनिया के किसी भी पुरातत्व स्थल में स्थापित होने वाला मोम संग्रहालय प्रथम है.
इसमें देश दुनिया की बत्तीस जानी जानी मानी हस्तियों के मोम के पुतले स्थापित किये गये है. इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चंद बोस, मदर टेरेसा, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद, कल्पना चावला, दलाई लामा, अभिनेता अमिताभ बच्चन, वीर महाराणा प्रताप, जयपुर पूर्व राजघराने के सदस्य सवाई मानसिंह द्वितीय, सवाई रामसिंह द्वितीय, सवाई माधो सिंह द्वितीय, महारानी गायत्री देवी के मोम के पुतले शामिल है.

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