FILM REVIEW: उम्दा अदाकारी, धाकड़ डायलॉग, पढ़े ”दंगल” की कहानी…
फिल्म: दंगल डायरेक्टर: नितेश तिवारी स्टार कास्ट: आमिर खान, साक्षी तंवर, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, अपारशक्ति खुराना अवधि: 2 घंटा 49 मिनट स्टार: 4.5 ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ और ‘चिल्लर पार्टी’ जैसी फिल्में बनाने के बाद डायरेक्टर नितेश तिवारी ने बायोपिक फिल्म में हाथ आजमाया है. ‘दंगल’ की कहानी शानदार और बांध कर रखनेवाली है. पहलवानी […]
फिल्म: दंगल
डायरेक्टर: नितेश तिवारी
स्टार कास्ट: आमिर खान, साक्षी तंवर, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, अपारशक्ति खुराना
अवधि: 2 घंटा 49 मिनट
स्टार: 4.5
‘भूतनाथ रिटर्न्स’ और ‘चिल्लर पार्टी’ जैसी फिल्में बनाने के बाद डायरेक्टर नितेश तिवारी ने बायोपिक फिल्म में हाथ आजमाया है. ‘दंगल’ की कहानी शानदार और बांध कर रखनेवाली है. पहलवानी के सारे फाइट सीन इतनी बेहतरीन तरह से फिल्माये गये हैं कि आप पलकें नहीं झपकाएंगे. नितेश तिवारी के कसे हुए प्लॉट हर सीन के साथ न्याय कर जाते हैं. पुरुष प्रधान समाज में बेटियों को पहलवानी के लिए प्रोत्साहित करना और फिर उन्हें गोल्उ मेडल जीतने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर उतारना एक दिलचस्प कहानी होने के साथ-साथ प्रेरणादायी भी है.
कहानी: हरियाणा के एक छोटे से गांव के रहनेवाले महावीर फोगाट (आमिर खान) की शादी शोभा कौर (साक्षी तंवर) से होती है. महावीर की तमन्ना रहती है कि वो रेसलिंग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीते, लेकिन यह सपना पूरा नहीं सका. लेकिन फिर वो खुद से वादा करता है कि जो वो नहीं कर सका उसका बेटा करेगा. इसी चाहत में उन्हें चौथी बार भी बेटी ही होती है, जिसके बाद वह काफी दुखी हो जाता है. अचानक एक दिन उनकी दोनों बेटियां गीता ( ज़ायरा वसीम (बचपन का किरदार) और फातिमा सना शेख) और बबीता ( सुहानी भटनागर (बचपन का किरदार), सान्या मल्होत्रा) छेड़खानी करनेवाले पड़ोस के दो लड़को को बुरी तरह पीटकर आती है. इसके बाद महावीर को अहसास होता है उनकी बेटियां उसका सपना पूरा कर सकती हैं. यहीं से शुरुआत होती है उस लगन और मेहनत की जो महावीर को उसके मंजिल तक पहुंचाती है.
एक्टिंग: आमिर खान ने जवान बेटियों के पिता का किरदार पर्दे पर बखूबी निभाया है. उनकी बेटियों के किरदार में फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, ज़ायरा वसीम और सुहानी भटनागर ने भी शानदार अभिनय किया है. साक्षी तंवर और अपारशक्ति खुराना ने अपने किरदारों के साथ पूरी तरह से न्याय किया है.
निर्देशन: नितेश तिवारी ने महावीर फोगाट की बेटियों गीता और बबीता की ऐतिहासिक जीत का पर्दे पर बखूबी चित्रण किया है. फिल्म के डायलॉग शानदार है जो दर्शकों के दिमाग में घर कर जायेगा. फिल्म का स्क्रीनप्ले आपको पूरे समय बांधे रखता है. फिल्म के कई सीन ऐसे है जो आपकी आंखों को नम कर देते हैं. हरियाणवी डायलॉग इमोशन के साथ-साथ हंसी और खुशी का सामंजस्य बना कर रखते हैं.
संगीत: फिल्म के संगीत को प्रीतम ने ऐसे पिरोया है कि हर गाना फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाता है. अमिताभ भट्टाचार्य के गीत भी कहानी कहती हैं. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक विषय से भटकता नहीं है, बल्कि फिल्म की कहानी में गोता खाने के लिए मजबूर कर देता है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छे से कनेक्ट होता है.