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पुण्‍यतिथि पर विशेष: मशहूर संगीतकार आरडी बर्मन के बारे में जानें 10 दिलचस्‍प बातें…

हिंदी संगीत जगत के सितारे आर डी बर्मन (राहुल देव बर्मन) ने 4 जनवरी 1994 को अलविदा कह दिया था. लेकिन आज भी मन को झंकृत करनेवाला उनका संगीत लोगों की कानों में गूंज रहा है. आर डी बर्मन यानि पंचम दा के संगीत ने भारतीय फिल्‍म के संगीत को एक नयी दिशा दी. वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2017 4:34 PM

हिंदी संगीत जगत के सितारे आर डी बर्मन (राहुल देव बर्मन) ने 4 जनवरी 1994 को अलविदा कह दिया था. लेकिन आज भी मन को झंकृत करनेवाला उनका संगीत लोगों की कानों में गूंज रहा है. आर डी बर्मन यानि पंचम दा के संगीत ने भारतीय फिल्‍म के संगीत को एक नयी दिशा दी. वे संगीत प्रेमियों की रूचि को बेहतर पहचानते थे और सत्‍तर-अस्‍सी के दशक में उन्‍होंने कई हिट फिल्‍मों में संगीत दिये. आर डी बर्मन के संगीत में खासी विविधता देखी जाती थी. फिल्‍में हिट होने में भी उनके संगीत का महत्‍वपूर्ण योगदान होता था. बेमिसाल ख्याल अक्सर अजीबोगरीब समय पर आते हैं और यह बात राहुल देव बर्मन के लिए कई बार सही साबित हुई. उन्हें हिंदी फिल्मी संगीत के कुछ यादगार गीतों की प्रेरणा उस समय आई जब वह सफर कर रहे होते थे. जानें उनके बारे में ये 10 खास बातें…

1. 27 जून 1939 को कोलकाता में जन्मे राहुल देव बर्मन के पिता सचिन देव बर्मन की गिनती बॉलीवुड के महान संगीतकारों में होती है. आर डी बर्मन ने अपने पिता की परम्परा को आगे बढ़ाया.

2. आरडी बर्मन को पंचम दा के नाम से पुकारा जाता था. जिसके पीछे एक मजेदार किस्‍सा है. आर डी बचपन में जब भी गुनगुनाते थे ‘प’ शब्‍द का ही इस्‍तेमाल करते थे. यह बात अभिनेता अशोक कुमार के ध्‍यान में था. सा रे गा मा पा में ‘प’ का स्‍थान पांचवां है. इसलिए उन्‍होंने राहुल देव को पंचम नाम से पुकारना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उनका ये नाम प्रचलित हो गया.

3. आरडी बर्मन को बचपन से संगीत का शौक था. उन्‍होंने 9 साल की उम्र में ही पहला गाना कंपोज किया था. इस गाने ‘ऐ मेरी टोपी पलट के आ’ का इस्‍तेमाल उनके पिता ने फिल्‍म ‘फंटूश’ (1956) में किया था.

4. आरडी बर्मन को सबसे पहले गुरुदत्‍त के असिसटेंट निरंजन नामक फिल्‍मकार ने वर्ष 1959 में ‘राज’ के लिए साइन की थी. उन्‍होंने दो गाने रिकॉर्ड भी किये. फिल्‍म का पहला गाना आशा भोंसले और गीता दत्‍त और दूसरा गाना शमशाद बेगम ने गाया था. लेकिन बाद में यह फिल्‍म बंद हो गई.

5. आर डी बर्मन को पहला बड़ा मौका वर्ष 1966 में विजय आनंद निर्देशित फिल्‍म ‘तीसरी मंजिल’ से मिला. फिल्‍म के हीरो शम्‍मी कपूर और निर्माता नासिर हुसैन नहीं चाहते थे कि आरडी इस फिल्‍म में संगीत दे. निर्देशक के जोर देने पर उन्‍होंने तीन-चार सुनीं और हां कर दी. फिल्‍म का संगीत सुपरहिट रहा और आरडी बर्मन बॉलीवुड में जम गये.

6. वर्ष 1970 में आरडी बर्मन ने फिल्‍म ‘हरे रामा हरे कृष्‍णा’ का ‘दम मारो दम’ गाना बनाया जो आज भी बड़े चाव से सुना जाता है. इस गाने ने बॉलीवुड में भूचाल ला दिया था क्‍योंकि ऐसा रॉक नंबर शायद ही पहले आया हो. कहा जाता है कि इस गाने की धुन सुनकर सचिन देव बर्मन इतने दुखी हुए थे कि वे स्‍टूडियो से उठकर चले गये थे. वे इस बात से नाराज थे कि आर डी ने उनकी शैली त्‍याग दी थी.

7. राहुल देव बर्मन की पहली शादी रीता पटेल से हुई थी. रीता आरडी की बहुत बड़ी फैन थी. दोनों की पहली मुलाकात दार्जिलिंग में हुई थी रीता ने अपने एक दोस्‍त से शर्त लगाई थी कि वो आरडी बर्मन के साथ मूवी डेट पर जायेंगी और उन्‍होंने ऐसा कर दिखाया था. वर्ष 1966 में दोनों की शादी हुई लेकिन यह रिश्‍ता ज्‍यादा दिनों तक टिक नहीं पाया और वर्ष 1971 में दोनों का तलाक हो गया था.

8. वर्ष 1980 में आर डी बर्मन ने आशा भोंसले से शादी की थी. दोनों ने कई हिट गाने दिये, कई लाइव परफॉरमेंस भ दी. लेकिन आखिरी दिनों में दोनों अलग हो गये थे.

9. युवाओं को हमेशा आरडी बर्मन का संगीत बेहद पसंद आया. उनका संगीत सदैव जवान रहा और आज भी पसंद किया जाता है. सबसे ज्यादा उन्हीं के गीत रिमिक्स किए गए. अपने अंतिम दिनों में उन्होंने ‘1942 ए लव स्टोरी’ में यादगार संगीत देकर एकबार फिर उन्‍होंने अपनी प्रतिभा को लोहा मनवाया.

10. बतौर संगीतकार आरडी बर्मन 17 बार फिल्मफेअर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए. लेकिन तीन बार ही उन्‍हें सनम तेरी कसम (1983), मासूम (1984) और 1942 : ए लव स्टोरी (1995) के लिए यह अवॉर्ड मिला. आरडी बर्मन ने 331 फिल्मों में संगीत दिया, जिनमें से 292 हिंदी में हैं.

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